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पाकिस्तान में पिछली बार दोहरे अंकों में महंगाई दर नवंबर 2013 में दर्ज की गई थी, जो कि 10.9 फीसदी थी। महंगाई बढऩे का मुख्य कारण पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही बिजली और गैस की कीमतों में हुई बढ़ोतरी है। सरकार ने कुछ नए कर उपाय लागू किए गए हैं, जिसके असर से भी महंगाई बढ़कर दोहरे अंकों में पहुंच गई है।
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पाकिस्तानी रुपए के मूल्य में गिरावट के कारण पिछले कुछ महीनों से आयातित उपभोक्ता और गैर-उपभोक्ता वस्तुएं महंगी हो गई हैं। साथ ही औद्योगिक उत्पादों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल भी महंगा हो गया है। इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 11 फीसदी से 13 फीसदी तय किया है, जोकि वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 फीसदी था।
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डॉन न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में मूल्य स्तर जुलाई में गैर-खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि से प्रेरित दिख रहा है। पाकिस्तान में खाद्य मुद्रास्फीति साल-दर-साल आधार पर बढ़कर 9.2 फीसदी रही है, जिसमें माह-दर-माह आधार पर 1.5 फीसदी की तेजी आई है।
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