नीरज जैन ने बताया कि कि झारखंड स्थित सम्मेद शिखर 20 जैन तीर्थंकरो एवं अनंत संतो का मोक्ष स्थल है। वही सम्मेद शिखर का कण-कण जैन समाज के लिए पूजनीय है लेकिन 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड के तीर्थ सम्मेद शिखर को वन्यजीव अभयारण्य का एक भाग मान कर इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दे दी गई। नीरज जैन ने बताया कि सरकार द्वारा सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने से वहां पर होटलों आदि का निर्माण होगा और पर्यटकों की आवाजाही बढऩे से वहां पर मांस- मदिरा का उपयोग शुरू हो जाएगा। पर्यटक गतिविधियों से जैन समाज की आस्था के स्थल सम्मेद शिखर के अपवित्र होने की संभावना को देखते हुए जैन समाज आंदोलन कर रहा है और केंद्र सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है।