शिक्षा विभाग की उपेक्षा ठीक नहीं
राजस्थान प्रदेश उपाध्यक्ष डा. ऋषिन चौबीसा, देवीलाल पाटीदार, प्रदेश महामंत्री महेन्द्र लखारा, प्रवीण जैन, जिलाध्यक्ष बलवंत बामणिया, मंत्री दिलीप सिंह चौहान एवं उपाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह चौहान ने सौंपे ज्ञापन में बताया कि सरकार ने वर्तमान में शिक्षा विभाग को छोडक़र स्थानांतरण करने का निर्णय लिया है, जो प्रदेश के लाखों शिक्षकों के प्रति भेदभाव पूर्ण और सरकार का शिक्षा को लेकर उपेक्षित भाव व्यक्त कर रहा है। सरकार ने पूर्व में भी सरकार गठन के बाद अन्य सभी विभागों में स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाकर दो बार स्थानांतरण किए हैं। लेकिन, शिक्षा विभाग की उपेक्षा की है।
प्रदेश का सबसे बड़ा महकमा है शिक्षा विभाग
उन्होंने कहा कि प्रदेश का सबसे बड़ा महकमा होने के बावजूद शिक्षा विभाग में स्थानांतरण नहीं किए जा रहे हैं। प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था के नाम पर एक जिले से दूसरे जिले में सैकड़ों की संख्या में प्रतिनियुक्ति की जा रही है। संगठन ने जल्द ही शिक्षा महकमे तथा खासकर तृतीय वेतन श्रृंखला के भी स्थानांतरण करने की मांग की है।
मांगों का किया समर्थन
संगठन की मांग का नवनीत भट्ट, कांता परमार, भारतसिंह राणावत, रामलाल कटारा, जगदीश पाटीदार, सुदर्शनसिंह चौहान, देवानंद उपाध्याय, नरेश पाटीदार, राजेन्द्र वरहात, योगेश डामोर, कोमेन्द्रसिंह चौहान, भरत पाटीदार, राजेन्द्र मीणा, हितेश उपाध्याय आदि ने मांगों का समर्थन किया है।