सदस्यों ने प्रधान के कामकाज को लेकर जताई नाराजगी
सदस्यों ने कहा कि प्रधान की ओर से पंचायत समिति की बैठक आहूत नहीं की जा रही है। पंचायत समिति में विकास को लेकर कोई काम भी नहीं करवाए जा रहे है। वहीं सदस्यों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। बजट का उपयोग भी नहीं हो रहा है। सदस्यों ने प्रधान के कामकाज को लेकर नाराजगी जताते हुए अविश्वास प्रस्ताव दिया है। कोचरी से सदस्य शीला पारगी ने अन्य सदस्यों के भी साथ होने का दावा किया है। यह है सदस्यों का गणित
चीखली पंचायत समिति में 17 सदस्य है। जिसमें
भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के पास 12 सदस्यों के साथ बहुमत है। प्रधान शर्मिला भारत आदिवासी पार्टी की सदस्य है। ज्ञापन देने वाले सभी 6 सदस्य भी भारत आदिवासी पार्टी के है। पंचायत समिति में बीजेपी के 4 ओर कांग्रेस के 1 सदस्य है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 2 तिहाई बहुमत की जरूरत है। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने पर ये आंकड़ा जुटाना बीएपी के लिए भी मुश्किल रहेगा।
प्रधान पति ने बगावत कर लड़ा था चुनाव
चीखली प्रधान शर्मिला के पति बदामीलाल ताबियाड ने चौरासी विधानसभा उपचुनाव में बीएपी से बगावत की थी। बीएपी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके बाद बीएपी ने बदामीलाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। ऐसे में 6 सदस्यों की नाराजगी व ज्ञापन देने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा हैं।
राजनीतिक बदले की भावना
हमारे कार्यकाल के चार साल होने को है। अब तक कोई समस्या नहीं हुई। जानकारी मिली है कि 6 सदस्य जिला परिषद पहुंचे है। मेरे पति के निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद से यह सब हो रहा है। लेकिन हमारी ओर से चार वर्षों में सबको साथ लेकर काम किया गया है। लेकिन अब जो कुछ हो रहा है वो सब राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है।
शर्मिला ताबियाड़, प्रधान, चीखली