डूंगरपुर का उदयपुर से सीधा जुड़ाव
वागड़ में
डूंगरपुर और
बांसवाड़ा जिले हैं तथा डूंगरपुर का बांसवाड़ा से सामाजिक जुड़ाव भी है। लेकिन, सुविधाओं एवं संसाधन के लिहाज से डूंगरपुर का जुड़ाव बांसवाड़ा की अपेक्षा उदयपुर से अधिक है। लोग शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा लाभ, खरीदारी आदि के लिए गुजरात के बाद उदयपुर की तरफ ही रुख करते हैं। ऐसे में बांसवाड़ा संभाग मुख्यालय बनने के साथ ही यहां के लोग डूंगरपुर को बांसवाड़ा के बजाय उदयपुर संभाग में ही रखने की पैरवी कर रहे थे।
डूंगरपुर से बांसवाड़ा और उदयपुर समान दूरी पर
डूंगरपुर से बांसवाड़ा और उदयपुर की दूरी लगभग 100 से 105 किलोमीटर समान है। लेकिन, बात आवागमन के साधनों की करें या जल्दी पहुंच की करें, तो उदयपुर जिले के लिए जिला मुख्यालय से बहुतायात संख्या में निजी एवं सरकारी बसों की उपलब्धता है। वहीं, रेल मार्ग से भी जुड़ाव है। यहां के लोग उदयपुर दो घंटे में पहुंच जाते हैं। जबकि, बांसवाड़ा जाने के लिए अब भी तीन से साढ़े तीन घंटे लगते हैं।
डूंगरपुर की अवाम की मिली-जुली प्रतिक्रिया
डूंगरपुर के लोगों को मिलेगी राहत सरकार के इस निर्णय से डूंगरपुर के लोगों को राहत मिलेगी। हमारी उदयपुर से सीधी कनेक्टिविटी है। आवाजाही में भी सुविधा है। ऐसे में बांसवाड़ा की तुलना में उदयपुर को संभाग मुख्यालय बनाने का स्वागत है।
डा. गोविंद पाटीदार, निदेशक, निजी चिकित्सालय आर्थिक भार बढ़ेगा और रोजगार में फर्क आएगा सरकार के इस फैसले से डूंगरपुर-बांसवाड़ा के बॉर्डर पर निवासरत लोगों को दिक्कतों का सामना करना पडे़गा। संभाग उदयपुर होने से उनको अब अधिक दूरी तय करनी पडे़गी और उससे उनका आर्थिक भार बढ़ेगा और रोजगार में भी फर्क आएगा।
अनिल पटेल, उद्यमी आमजन को कोई फर्क नहीं संभाग मुख्यालय उदयपुर हो या फिर बांसवाड़ा उससे आमजन को कोई फर्क नहीं पड़ता है। लोगों की संभाग मुयालय पर समस्याओं का निवारण होना चाहिए। इससे आमजन को राहत मिलेगी। सरकार संभाग मुयालय पर बेहतर से बेहतर सुविधाएं प्रदान करें।