शुक्रवार सुबह एसपी जोशी तथा स्पेशल ऑपरेशन गु्रप उदयपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वाति शर्मा धंबोला थाने पर पहुंचे। यहां आरोपी से पूछताछ की। इसमें कई सनसनीखेज खुलासे हुए। एसपी ने बताया कि शिक्षक भंवरलाल धोरीमन्ना बाड़मेर निवासी भंवरलाल विश्रोई तथा बाड़मेर के ही राजेंद्र राजगु रु उर्फ लादुराम राजपुरोहित के साथ मिलकर गिरोह चलाता था। ये लोग ये लोग प्रतियोगी परीक्षाओं में आदिवासी क्षेत्र के लोगों से भारी राशि वसूलकर उनकी जगह डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा दिलाते थे। उक्त गिरोह किसी न किसी परीक्षा सेंटर से सांठगांठ कर पेपर लाने का प्रयास करते, सफल नहीं होने पर राजेंद्र ब्लूटुथ डिवाइस से नकल कराता या एवजी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलवाता।
भंवरलाल के कमरे से मिले दस्तावेज में सामने आया कि अब तक यह गिरोह कई प्रतियोगी परीक्षाओं में एवजी अभ्यर्थी बैठा चुके हैं। इसके लिए वे अभ्यर्थी से आवेदन के समय ही सेटिंग कर लेते। उसके पास से अलग-अलग तीन-चार फार्म भरते। परीक्षा के समय जिस सेंटर में कमजोर कड़ी मिल जाती, वहां एवजी अभ्यर्थी भेज देते थे। शिक्षक भंवरलाल ने माण्डेला राठड़ी निवासी सोहनलाल पुत्र हिम्मतराम बामणिया से रीट परीक्षा 12 लाख रुपए में पास कराने की गारंटी देकर तीन लाख रुपए एडवांस लिए। इसके लिए तीन अलग-अलग फार्म भी शिक्षक ने ही भरे थे।
पूछताछ में सामने आया कि शिक्षक जाट ने उपनिरीक्षक परीक्षा में डूंगरपुर के तीन डमी अभ्यर्थी बैठाए थे। इसमें जिला कारागृह में तैनात जेल प्रहरी मुकेश पुत्र मणिलाल अहारी ने भी डमी अभ्यर्थी बैठाने की एवज में शिक्षक को तीन लाख रुपए अग्रिम दिए थे। इस खुलासे के बाद से जेल प्रहरी फरार है। इसके अलावा राकेश पुत्र धुलाजी अहारी व पृथ्वीराज पुत्र मोतीलाल डामोर से भी तीन-तीन लाख रुपए एडवांस लेना सामने आया है। पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है।
नकदी के साथ गिरफ्तार शिक्षक भंवरलाल जाट बाड़मेर जिले के गिड़ा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में मारपीट, चोरी, आगजनी, अवैध वसूली, राजकार्य में बाधा के 24 मुकदमे दर्ज हैं। यह मुकदमे वर्ष 1998 से 2020 तक के हैं। वहीं डूंगरपुर जिले के चीतरी थाने में भी उसके खिलाफ एक प्रकरण पंजीकृत है। शिक्षक को दो मामलों में न्यायालय ने सजा भी सुनाई है।
एसपी जोशी ने बताया कि शिक्षक से हुई पूछताछ में उसने बाड़मेर जिले के उतरनी गांव में संचालित एक ई-मित्र कियोस्कधारक के सहयोग से डमी अभ्यर्थियों के आधार कार्ड आदि बनवाने की जानकारी दी। इस पर बाड़मेर पुलिस को सूचित किया। वहां पुलिस ने ई-मित्र कियोस्क संचालक हरिश जाट को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से करीब 500 फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं।
पुलिस ने बताया कि भंवरलाल वर्ष 2008 में तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में नियुक्त हुआ था तथा उसका पदस्थापन डूंगरपुर जिले के चीखली व सीमलवाड़ा तहसील क्षेत्र में रहा। पिछले पांच सालों से पीठ में किराए पर रहता था। उसकी पत्नी भी सरकारी नौकरी में है। चिखली ब्लॉक में नौकरी करने के कारण क्षेत्र में काफी पहचान थी। प्रारम्भिक पूछताछ में उसने बताया कि उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा, रीट परीक्षा व अन्य प्रतियोगी परीक्षा में धोरी मन्ना में कार्यरत शिक्षक भंवरलाल बिश्नोई के सहयोग से डमी अभ्यर्थी बैठा कर उनसे मोटी रकम वसूली करते थे। ज्यादातर चिखली ब्लॉक के अभ्यर्थी को फंसाया है। गिरोह में राशि एकत्रित करने का जिम्मा इसके पास था। बाकी का काम गिरोह के अन्य सदस्य करते थे।