दरअसल,
राजस्थान की सात सीटों झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
राजकुमार रोत को मैंने छुड़ाया- सीएम
चौरासी में मुख्यमंत्री
भजनलाल शर्मा ने निशाना साधते हुए कहा कि “आपके यहां के जो सांसद हैं, वो पहले विधायक थे। उस समय में भाजपा संगठन में प्रदेश महामंत्री हुआ करता था। तब मैं बीजेपी कार्यालय में बैठा था, मैंने टीवी पर देखा कि एक आदिवासी विधायक को कांग्रेस सरकार ने घेरा हुआ है, जबरदस्ती कर रहे हैं…मैं गाड़ी लेकर वहां पहुंचा तो देखा राजकुमार रोत जी वहां थे, मेरा उनसे कोई संबंध नहीं था लेकिन मेरे आदिवासी भाई को कोई परेशान कर रहा था तो मैंने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उनको छुड़वाया।”
उन्होंने आगे कहा कि इन आदिवासी भाइयों के लिए हमने हमेशा काम किया है। मेरा सीसीटीवी कैमरा हर जगह लगा हुआ है। जो मेरे आदिवासी भाइयों और युवाओं को बरगलाने का काम करेगा। सरकार से सैलरी लेगा। मैं ये दोनों बातें नहीं होने दूंगा।
इस दौरान सीएम ने कहा कि हमारी सरकार को 11 महीने हुए हैं। हमने वागड़ की धरती को प्राथमिकता में रखा है। मैंने यहां के लिए बजट में कई घोषणाएं की…हमने भर्ती परीक्षाओं का 2 साल का कैलेंडर जारी किया है। हमने युवाओं से कहा है आप तैयारी करो…5 साल में हमने 4 लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया है। इस साल हमने एक लाख नौकरियों का वादा किया है। 33 हजार नियुक्ति पत्र हमने दे दिए हैं।
चौरासी में त्रिकोणीय मुकाबला
गौरतलब है कि चौरासी के चुनावी मैदान में इस बार बीएपी, भाजपा व कांग्रेस में नए चेहरे हैं। बीएपी ने जहां जनप्रतिनिधि सलेक्शन प्रणाली के तहत अनिल कटारा को मैदान में उतारा हैं, जिसके बाद पार्टी में बगावत के स्वर उठे। बागी के तौर पर बदामीलाल ने निर्दलीय ताल ठोकी है। वहीं, भाजपा-कांग्रेस ने परंपरा व परिवारवाद के मिथक को तोड़ते हुए नए चेहरों पर दांव खेला है। भाजपा से सीमलवाड़ा प्रधान कारीलाल ननोमा एवं कांग्रेस से युवा चेहरा महेश रोत को प्रत्याशी बनाया है।