विधानसभा क्षेत्र के 70 किलोमीटर से अधिक के सफर में गैंजी के डायालाल गाडुलिया कहते है कि लुहारों के लिए जमीन के पट्टे की लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही हैं। करावाड़ा के अमरजी पाटीदार का कहना है कि इस बार पहले की तरह परिणाम स्पष्ट नहीं हैं। परंपरागत वोट बैंक में बिखराव की स्थिति बनेगी। खेतों में कार्य कर रहे विष्णु प्रजापत का कहना था कि ये त्रिकोणीय मुकाबला है।
वहीं, गुजरात में रोजगाररत युवा हितेश कुमार व टाइगर का कहना था कि सिंचाई के लिए पानी की समस्या है। गुजरात में मजदूरी करते हैं, अभी दीपावली मनाने आए थे, अब 13 नवंबर को मतदान कर चले जाएंगे। सीमलवाड़ा, चीखली, धंबोला, करावाड़ा सहित अन्य जगह पर चर्चा में मतदाताओं ने साफ तौर पर कहा कि युवा अब जाग गया है, वो ही परिणाम तय करेगा।
चुनाव मैदान में नए चेहरे
चुनाव मैदान में इस बार बीएपी, भाजपा व कांग्रेस में नए चेहरे हैं। बीएपी ने जहां जनप्रतिनिधि सलेक्शन प्रणाली के तहत अनिल कटारा को मैदान में उतारा हैं, जिसके बाद पार्टी में बगावत के स्वर उठे। बागी के तौर पर बदामीलाल ने निर्दलीय ताल ठोकी है। वहीं, भाजपा-कांग्रेस ने परंपरा व परिवारवाद के मिथक को तोड़ते हुए नए चेहरों पर दांव खेला है। भाजपा से सीमलवाड़ा प्रधान कारीलाल ननोमा एवं कांग्रेस से युवा चेहरा महेश रोत को प्रत्याशी बनाया है।
इन मुद्दों को भी मिली हवा
गुजरात से सटे
चौरासी विधानसभा क्षेत्र में रोजगार, पानी, शिक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख है। लोग लंबे समय से इन समस्याओं से परेशान है। अब चुनावी दौर आया है तो मुद्दों को भी हवा मिलती नजर आ रही हैं।