पुलिस उपाधीक्षक रामेश्वरलाल चौहान ने बताया कि ग्राम पंचायत बेड़सा के रामसौर फला गांव में गत 15 सितम्बर को रामा पुत्र कमजी भगोरा और उसकी पत्नी आशा के शव कवेलूपोश मकान में खाट पर लहूलुहान हालत में मिले थे। मृतक के भाई थावरा की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। जिला पुलिस अधीक्षक राशि डोगरा के निर्देश पर थानाधिकारी भेमजी गरासिया के नेतृत्व में टीम गठित कर अनुसंधान किया गया। इसमें मृतक के सबसे छोटे भाई मणिलाल पुत्र कमजी तथा एक नाबालिग की भूमिका संदिग्ध पाई गई। दोनों वारदात के बाद से अपने रिश्तेदारों के वहां चले गए थे। पुलिस ने उन्हें डिटेन कर पूछताछ की तो वारदात करना कबूल कर लिया।
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यूं हुआ खुलासा
घटना के दिन पुलिस ने एफएसएल और डॉग स्क्वाड टीम बुलवाकर छानबीन की थी। इस दौरान डॉग दो बार संदिग्धों के भागने की दो अलग-अलग दिशा में गया था। इसमें एक रास्ता मणिलाल के घर की ओर और दूसरा नाबालिग के घर की ओर जाता था। मुखबिरों से सूचना मिली कि मृतक रामा और मणिलाल के नाबालिग की बेवा मां से अवैध संबंध थे। इस आधार पर पुलिस ने अनुसंधान आगे बढ़ाया तो वारदात का खुलासा हो गया।
रास्ते से हटाने के लिए की वारदात
उपाधीक्षक चौहान ने बताया कि मणिलाल के बाल अपचारी की विधवा मां के साथ संबंध थे, वहीं रामा के भी उससे संबंध थे। यह बात मणिलाल को पसंद नहीं थी और वह रामा को रास्ते से हटाना चाहना था। 14 सितम्बर की रात को मणिलाल और बाल अपचारी ने खेत में बैठकर देशी महुआ शराब पी। इस दौरान मणिलाल ने बाल अपचारी को उसकी मां के रामा के साथ अवैध संबंध होना बताते हुए उसे मार देने के लिए उकसाया। इस पर अपचारी अपने घर से नंगी तलवार लेकर वापस खेत पर आया। रात करीब 11 बजे दोनों रामा के घर पहुंचे। रामा व उसकी पत्नी एक खाट पर सोए थे। मणिलाल के कहने पर अपचारी ने तलवार से दोनों पर ताबड़तोड़ वार कर उनकी हत्या कर दी।
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इस टीम को मिली सफलता
वारदात का खुलासा करने वाली टीम में थानाधिकारी सहित एएसआई राजेंद्रसिंह, हैडकांस्टेबल कारूलाल, मदनलाल, मनोहरसिंह, गोपालचंद्र, निर्मलकुमार, कांस्टेबल गिरीशकुमार, मुकेश, अनिल, प्रकाशचंद्र, महेंद्रकुमार, भंवरसिंह व कालूराम शामिल रहे।