उधार से चल रहा घर
एक सफाईकर्मी ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि वह किराए के मकान में अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता है। पिछले कई वर्षों से ठेके पर नियुक्त है। उसका मानदेय लगभग छह हजार रुपया है। उसी मानदेय से घर चलता है। लेकिन सितंबर माह से मानदेय के ही ठिकाने नहीं है। जिससे घर चलाना मुश्किलभरा हो गया है। बाजार से उधार लेकर काम चला रहे है। पहले से मानदेय कम होने की वजह से बाजार में उधार ले रखा है।Railways : रेलवे का बड़ा बदलाव, अब पेंट्रीकार में नहीं बनेगा खाना
एजेंसी को पत्र भी लिखा
ठेका कार्मिकों को दीपोत्सव से पहले मानदेय का भुगतान करा दिया जाएगा। इसके लिए संबंधित एजेंसी को पत्र भी लिखा गया हैं।लोकेश पाटीदार आयुक्त नगर परिषद डूंगरपुर