सीएमएसओ डाॅ अलकार गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन ब्लैक थंडर के तहत टीम पुनावाड़ा गांव में मॉ जनरल हॉस्पिटल पहुंची। यहां पर कोई चिकित्सक व स्टॉफ मौजूद नही था। चिकित्सालय में कुल आठ बेड थे। इनमें से दो बेड पर दो मरीज भर्ती थे। महिला सुमित्रा पत्नी राकेश डामोर ने बताया कि कुछ देर पहले ही उसकी डिलेवरी हुई है। उसने एक बच्ची का जन्म दिया है। वहीं, दूसरे बेड पर डूंगरसारण निवासी तेजल पुत्री रामलाल अहारी भी भर्ती थी। जांच के दौरान यह चिकित्सालय जितेंद्र भगोरा की ओर से चलाना पाया गया और जांच के दौरान चिकित्सक होने के कोई दस्तावेज मौके से नही मिले । वहीं, टीम ने जितेंद्र को झोलाछाप बताया। टीम में बीसीएमएचओ डाॅ नरेंद्र प्रजापत, डाॅ रोहित लबाना, नर्सिंग ऑफिसर मदनलाल, युवराज व कांस्टेबल युवराज शामिल रहे।
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सीएमएचओ ने बताया कि चिकित्सालय मेघरेज निवासी जितेंद्र भगोरा संचालित कर रहा था। इससे पहले वह गुजरात के एक निजी चिकित्सालय में सफाईकर्मी का काम करता था। यहां पर लेबर रुम में ड्यूटी होने कारण वह काम को जानने लगा एवं यहां पुनावाड़ा में एक चिकित्सालय खोल दिया। टीम को मौके पर गर्भपात, बीपी, एंटीबाइटिक दवाइयां मिली है। जिसे जब्त किया है।
बीसीएमएसओ प्रजापत ने बताया कि जितेंद्र ने गुजरात की सीमा से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर चिकित्सालय खोल रखा है। गुजरात का निवासी होने से गुजराती भाषा जानता है। यहां राजस्थान के साथ ही गुजरात से भी मरीज उपचार के लिए पहुंचते थे।