scriptजानिए फिर से कैंसर होने के कारणों के बारे में | Know about the causes of cancer again | Patrika News
रोग और उपचार

जानिए फिर से कैंसर होने के कारणों के बारे में

कैंसर के मरीजों में इलाज के बावजूद बीमारी के फिर से होने का खतरा रहता है। आइये जानते हैं इस रोग के विभिन्न पहलुओं के बारे में-

Mar 29, 2019 / 02:16 pm

विकास गुप्ता

know-about-the-causes-of-cancer-again

कैंसर के मरीजों में इलाज के बावजूद बीमारी के फिर से होने का खतरा रहता है।

कैंसर के मरीजों में इलाज के बावजूद बीमारी के फिर से होने का खतरा रहता है। आइये जानते हैं इस रोग के विभिन्न पहलुओं के बारे में-

पहली और दूसरी बार की कैंसर से जुड़े कारण :

1. खराब जीवनशैली –
यदि यह पहली बार कैंसर की वजह थी तो ठीक होने के बाद भी इसे बड़ा खतरा माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में एक तिहाई मरीजों की मौत का यही कारण है। लिवर, किडनी, पेट का कैंसर फैलने की बड़ी वजह खराब जीवनशैली मानी जाती है।
इनसे बचें : धूम्रपान, शराब, तंबाकू या कोई अन्य नशा अथवा व्यसन, अनियमित व खराब खानपान, शारीरिक श्रम की कमी व प्रदूषण।

2. बढ़ती उम्र –
हमारे शरीर में कैंसर को नियंत्रित करने वाले जीन्स बढ़ती उम्र के साथ धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगते हैं। जिससे इसकी आशंका भी बढ़ जाती है।
खतरा क्यों : इलाज से मरीज का जीवनकाल तो बढ़ता ही है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि कई बार कीमोथैरेपी, रेडिएशन व अन्य तरीकों से इलाज आदि के दुष्प्रभाव भी भविष्य में 3-4 प्रतिशत मामलों में दूसरी बार का कैंसर दे सकते हैं।

आनुवांशिकता –
परिवार के किसी सदस्य को यदि 50 वर्ष से कम उम्र पर यह बीमारी हुई है तो भविष्य में इसका खतरा संतान को भी होता है।
क्या करें: ऐसी फैमिली हिस्ट्री वालों को करीब 30 वर्ष की उम्र से स्क्रीनिंग करानी चाहिए। यदि पहले इलाज से ठीक हो चुके हैं तो डॉक्टर के बताए अनुसार स्क्रीनिंग कराएं। यह सुविधा सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क रूप से की जाती है।

पुरुषों में –
फेफड़े, प्रोस्टेट, पेट व लिवर कैंसर अधिक होते हैं।
महिलाओं में –
ब्रेस्ट, पेट, फेफड़े व गर्भाशय का कैंसर ज्यादा होते हैं।
सर्वाधिक मौतें : फेफड़े, लिवर, पेट व ब्रेस्ट कैंसर में।

दोबारा कैसे फैलता है –
कैंसर की स्टेम कोशिकाएं अपना पुनर्निर्माण करती रहती हैं। ऑपरेशन के बाद कीमोथैरेपी से भी कई बार ये पूरी तरह नष्ट नहीं होतीं और जांच में भी सामने नहीं आतीं। अंदर ही अंदर इनकी संख्या बढ़ती रहती है और कैंसर लौट आता है। यह दो रूप में सामने आ सकता है-

लोकल कैंसर :
पहले से बीमारी की चपेट वाले हिस्से या अंग में फिर से होना।

मैटास्टैटिक कैंसर (मैटास्टैसिस) :
कई बार कैंसर कोशिकाएं रक्त में मिलकर शरीर के अन्य हिस्से में फैल जाती हैं। इससे बीमारी शरीर के दूसरे अंग में पनपने लगती है। इन छोटी कोशिकाओं की पहचान शुरुआत में नहीं हो पाती। दो- तीन साल बाद परेशानी होने पर इनका पता चलता है।

बचाव के लिए बरतें –
ये सावधानियां
1. हर तरह के व्यसन से दूर रहें।
2. खाद्य सामग्री को अच्छी तरह धोकर खाएं, पकाएं।
3. मोटापा बढ़ाने वाली चीजों से परहेज। पौष्टिक चीजें जैसे दूध व दूध से बने पदार्थ, जूस, फल, हरी सब्जियां आदि भरपूर मात्रा में लें।
4. चिकित्सक के निर्देशानुसार समय-समय पर जांचें करवाएं।
5– नियमित योग, व्यायाम व मेडिटेशन करें। सकारात्मक सोच व इच्छाशक्तिबढ़ती है जो बीमारी से लड़ने व उबरने में मदद करती है।

कितनी कीमोथैरेपी –
सर्जरी के बाद शरीर में बची कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए इंजेक्शन या दवाओं के रूप में कीमोथैरेपी दी जाती है। पहली या दूसरी स्टेज पर सर्जरी में सामान्य रूप से 6 से 8 बार यह थैरेपी दी जाती है। लेकिन तीसरी स्टेज के बाद इसका निर्धारण मरीज की स्थिति देखकर किया जाता है।

यदि समय रहते स्क्रीनिंग (जांच) करा ली जाए तो कैंसर की समय पर पहचान और इलाज संभव है। पहली या दूसरी स्टेज में इसका इलाज हो जाए तो पुनरावृत्ति की आशंका 15 प्रतिशत तक घट जाती है। लेकिन यदि स्टेज तीसरी हो तो कैंसर की पुनरावृत्ति हो सकती है।

Hindi News / Health / Disease and Conditions / जानिए फिर से कैंसर होने के कारणों के बारे में

ट्रेंडिंग वीडियो