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धौलपुर

स्कूलों में मास्साब की कमी, बच्चे कैसे सीखें ए बी सी डी…

-प्रदेश शिक्षा विभाग में 1.40 लाख पद रिक्त

-द्वितीय और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 70 हजार 946 पद खाली

-भर्ती परीक्षा न होने से प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारों की संख्या

धौलपुरDec 31, 2024 / 06:32 pm

Naresh

स्कूलों में मास्साब की कमी, बच्चे कैसे सीखें ए बी सी डी... Lack of teachers in schools, how should children learn ABCD...
-प्रदेश शिक्षा विभाग में 1.40 लाख पद रिक्त

-द्वितीय और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 70 हजार 946 पद खाली

-भर्ती परीक्षा न होने से प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारों की संख्या

धौलपुर. बच्चों का बेहतर भविष्य गढऩे शिक्षा को आधार माना जाता है। लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिले तो बच्चे का भविष्य अंधकारमय होना तय है। प्रदेश के माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा की कहानी भी कुछ इसी तरह है। जहां प्रधानाचार्य, व्याख्याता से लेकर द्वितीय-तृतीय श्रेणी अध्यापकों के हजारों पद खाली होने से बच्चों को अक्षर ज्ञान मिल पाना कठिन हो रहा है।
शिक्षा विभाग में 5 साल से नई भर्तियां और क्रमोन्नति न मिलने से खाली पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार का ध्यान अब तक नई भर्तियों पर नहीं है। प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा में कुल मिलाकर करीब 1.40 लाख पद खाली पड़े हैं। जिनमें जिला शिक्षा अधिकारियों के करीब 50 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग की सात श्रेणियों प्रधानाचार्य, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी शिक्षक, तृतीय श्रेणी शिक्षक 1.2, तृतीय श्रेणी शिक्षक 1.1, प्रशिक्षक व शा. शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक में 4 लाख 82 हजार 910 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 3 लाख 81 हजार 688 पद कार्यरत हैं। और 1 लाख 12 हजार 22 पद रिक्त हैं। इनमें व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, तृतीय श्रेणी अध्यापक के रिक्त पदों से सीधे तौर पर बच्चों के अध्ययन पर असर पड़ता है। जिस कारण खाली पदों के यह आंकड़े शिक्षा विभाग की दुर्दशा को बयां कर रहे हैं।
सर्वाधिक द्वितीय, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद रिक्तखाली पदों में सर्वाधिक पद व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के हैं। इन तीनों कैडर के खाली पदों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। खाली पद बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में द्वितीय और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ही 70 हजार 946 पद रिक्त हैं। इन पदों के रिक्त होने से बच्चों पर सीधा असर पड़ता है। जिस कारण बच्चों को शिक्षा का ज्ञान प्राप्त करना टेढ़ी खीर बनती जा रही है।बेरोजगारों की बढ़ रही कतार
शिक्षा विभाग में लंबे समय से भर्ती परीक्षा नहीं होने से बेरोजगारों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में एक लाख से अधिक युवा प्रतिवर्ष एसटीसी या बीएड की डिग्री करते हैं। समय पर भर्ती नहीं होने से हर वर्ष एक लाख नए संभागी परीक्षा के लिए पात्रता लेते हुए प्रतियोगी बन जाते हैं। सरकार अभी तक रीट की प्रक्रिया भी प्रारंभ नहीं कर पाई है। रीट-2022 में हुई थी। इसके बाद से 2 साल से रीट नहीं हुई।
प्रखर राजस्थान रीडिंग अभियान रहा सुस्त

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने झालावाड़ के कनवाड़ी गांव में ‘ प्रखर राजस्थान रीडिंग अभियान’ का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत राज्य के 65 हजार विद्यालयों के करीब 80 लाख बच्चों को किताबें पढऩे के लिए प्रेरित किया जाना था। यह अभियान 9 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चला। लेकिन इस अभियान के भी ठोस परिणाम नहीं निकल सके।
सालों बाद मिला प्रमोशन

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कुछ दिन पहले ही डीपीसी करने के निर्देशों के बाद 11911 कार्मिकों की पदोन्नति सूची जारी की। इसमें 88 उपाचार्य, 485 प्रधानाध्यापक, 24 उप जिला शिक्षाधिकारी, 20 पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड-1, 3564 प्राध्यापक (विभिन्न विषय) वर्ष 21-22 तथा 6966 प्राध्यापक (विभिन्न विषय) वर्ष 22-23 शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 663 शारीरिक शिक्षक और 93 पुस्तकालय अध्यक्षकों को पदोन्नति दी गई।
शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की स्थितिपद नाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त पदडीईओ एवं समकक्ष 44 19 25प्रधानाचार्य 17785 10296 7489स्कूल व्याख्याता 55341 37785 17556द्वितीय श्रेणी शिक्षक 108851 75011 33840तृतीय श्रेणी शिक्षक 1.2 106304 88134 18170तृतीय श्रेणी शिक्षक 1.1 165780 146844 18936प्रशिक्षक वशा. शिक्षक 23854 19701 4153प्रयोगशाला सहायक 4995 3917 1078शारीरिक शिक्षा अध्यापक 11505 10585 920

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