मामले के अनुसार कुछ माह पूर्व शहर की जवाहर नगर कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति ने डाकघर अधीक्षक को शिकायत की। इसमें नामजद एजेंट के खिलाफ खाते से घपला करने का आरोप लगाया। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर अन्य खातों की जांच की तो करीब 20 लाख रुपए का घपला सामने आया। इस पर अप्रेल 2017 में तत्कालीन डाक अधीक्षक ने मामले की जांच के लिए सहायक अधीक्षक राजेश श्रीवास्तव ने नेतृत्व में कमेठी गठित की, जिसमें निरीक्षक मुकेश सोनी व एक अन्य अधिकारी शामिल है।
जांच अधिकारी श्रीवास्तव ने बताया कि सारे मामले 2011—2012 के हैं। एजेंट की एजेंसी दिसम्बर 2015 से बंद है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। अब तक 19—20 लाख रुपए का घपला सामने आ चुका है। सारी स्थिति तो जांच पूरी होने के बाद ही बता सकते हैं। डाकघर से जुड़े लोगों की मानेें तो ये घपला 50 लाख से अधिक का है।
संदेह के दायरे में 5 हजार खाते
जांच अधिकारी श्रीवास्तव ने बताया कि ये घपला गुरूद्वारा मार्ग स्थित डाकघर के खातों से हुआ है। इस मामले में करीब 5 हजार खाते संदेह की स्थिति में है। जिनकी जांच की जानी है। इसमें कुछ सारे खाते तो ऐसे हैं, जिनका भुगतान हो चुके हैं। इनकी जांच की जानी है। खाताधारकों को पत्र जारी कर दिए गए हैं।
आखिर कब पूरी होगी जांच
घोटाले की जांच के लिए अप्रेल माह में कमेटी गठित की गई थी। लेकिन 5 माह बीत जाने के बाद भी जांच अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। ना ही विभागीय अधिकारियों की ओर से अब तक एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। 5 माह में अधिकारी ये तक नहीं बता पा रहे हैं कि अब तक कितने खातों की जांच हो चुकी है और कितनों की होना शेष है। हालांकि अभी तक 19—20 लाख रुपए का घपला सामने आने की बात स्वीकार कर रहे हैं। घपले की जांच कब तक पूरी हो पाएगी, इसका भी अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है। डाक अधीक्षक बीएम बुनकर ने बताया कि मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
अभी मामले की जांच में हैं। अब तक 19—20 लाख रुपए का घपला सामने आ चुका है। इससे ज्यादा अभी तक हम कुछ नहीं कह सकते मामले की रिपोर्ट आगे भेज दी है।
बीएम बुनकर, डाक अधीक्षक, धौलपुर