शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में अन्त्योदय परिवार, बीपीएल परिवार, एकल महिलाएं, कचरा बीनने वाले परिवार, कुष्ठ रोगी एवं कुष्ठ रोग मुत व्यक्ति, आस्था कार्डधारी परिवार, बहु-विकलांग एवं मंदबुद्धि व्यक्ति, पालनहार योजनांतर्गत लाभार्थी बच्चे व पालनहार परिवार, निसंतान वृद्ध दंपती, वृद्ध दंपती जिनके केवल दिव्यांग संतान है। जिन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
वसूली और कानूनी कार्रवाई होगी
प्राधिकृत अधिकारी का दायित्व आवेदन पत्र व उसके साथ संलग्न प्रमाण पत्र की पूर्णता से जांच करने तक सीमित है। आवेदन द्वारा गलत तथ्य प्रस्तुत कर नाम जुड़वाने का प्रकरण सामने आने पर ऐसे आवेदक का नाम निरस्त होने के साथ उससे नियमानुसार वसूली आदि कार्रवाई की जाएगी। संबंधित प्राधिकृत अधिकारी आवेदन पत्र की पूर्ण रूप से जांच करेगा तथा आवेदन पत्र पूरी तरह सही पाए जाने पर ही आवेदक का नाम जोड़ऩे का निर्णय करेगा। आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्य या स्व घोषणा पत्र पर किसी प्रकार का संदेह होने पर प्राधिकृत अपीलीय अधिकारी (एसडीएम/ डीएसओ) संबंधित विभाग से जांच करा सकेगा और संतुष्ट होने के बाद ही नाम जोड़ऩे की कार्रवाई होगी। आवेदक द्वारा समावेशन की श्रेणी के संबंध में स्व-प्रमाणित दस्तावेजी साक्ष्य संलग्न नहीं किए जाने पर उसका आवेदन अस्वीकार किया जाएगा।
दो चरणों में होगा आवेदनों का निस्तारण
प्राप्त आवेदन पत्रों का निस्तारण 2 चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण में प्राथमिकता से फर्स्ट इन फर्स्ट आउट फीफो अधिसूचना दिनांक 27 सितंबर 2018 के अनुसार खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में समावेशन/निष्कासन मानदण्डों की श्रेणियों में लगाया जाएगा। प्रथम चरण में लंबित आवेदन शून्य होने पर द्वितीय चरण शुरू किया जाएगा। द्वितीय चरण में 27 सितंबर 2018 की अधिसूचना की शेष सभी समावेशन श्रेणियों में फीफो प्रक्रिया अपनाकर खाद्य सुरक्षा योजनांतर्गत प्राप्त शेष लंबित आवेदनों का निस्तारण होगा। निस्तारण के दौरान आवेदनों में आवेदक को 30 दिन में कमी-पूर्ति करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर आवेदन अस्वीकृत हो जाएगा।
कुछ दिन पूर्व ही आदेश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में कार्य योजना बनाई जा रही है। शीघ्र योजनांतर्गत पात्र वंचितों के नाम जोड़ने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।- राहुल राज जादौन, जिला रसद अधिकारी, धौलपुर