script‘मौत का दूत’ बन सडक़ों पर फर्राटा मार रहे ओवरलोड वाहन | Overloaded vehicles are running on the roads like 'messenger of death' | Patrika News
धौलपुर

‘मौत का दूत’ बन सडक़ों पर फर्राटा मार रहे ओवरलोड वाहन

शहर से लेकर जिले भर में ओवर लोड वाहन सडक़ों पर फर्राटा मार रहे हैं। कई बार यह वाहन दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं जिनमें लोगों की जान भी जा चुकी हैं। लेकिन उसके बाद भी यातायात विभाग ऐसे वाहनों के ब्रेक लगाने में असफल साबित हो रहा है।

धौलपुरOct 08, 2024 / 07:43 pm

Naresh

‘मौत का दूत’ बन सडक़ों पर फर्राटा मार रहे ओवरलोड वाहन Overloaded vehicles speeding on the roads like 'messengers of death'
कई बार हो चुके हैं हादसे, जिनमें जा चुकी है लोगों की जान

परिवहन और यातायात विभाग ऐसे वाहनों पर अंकुश लगाने में असफल

धौलपुर. शहर से लेकर जिले भर में ओवर लोड वाहन सडक़ों पर फर्राटा मार रहे हैं। कई बार यह वाहन दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं जिनमें लोगों की जान भी जा चुकी हैं। लेकिन उसके बाद भी यातायात विभाग ऐसे वाहनों के ब्रेक लगाने में असफल साबित हो रहा है। यही वजह है कि सडक़ों पर यह वाहन बेखौफ मौत का दूत बन हवा से बात करते हैं।
जिला परिवहन व यातायात सहित पुलिस विभाग की निष्क्रियता के चलते इन दिनों जिलेभर में ओवरलोड वाहनों की आवाजाही खूब हो रही है। प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर सडक़ पर जनता की सुरक्षा को दांव पर लगवा रहे हैं। क्योंकि भारी व ओवरलोड वाहनों के कारण सडक़ की दुर्गति हो रही है वहीं आमजनता के लिए सडक़ मार्ग खतरनाक साबित होता है। इसके बावजूद अफसर कार्रवाई करमें नाकाम हैं। आलम यह है कि धड़ल्ले से जिलेभर में भारी व ओवरलोड वाहन फर्राटा मारते हुए परिवजन व यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं जो जो कि चिंता का विषय है।
क्षमता से अधिक बैठाते हैं सवारी

ओवरलोड वाहनों से आए दिन हादसे होते हैं। लेकिन फिर भी इनपर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। कई वाहन दिनभर सडक़ों पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर फर्राटे भर रहे हैं। जिनमें ट्रैक्टर, पिकअप, मेटाडोर, ट्रक आदि वाहन भी ओवरलोडिंग कर सडक़ों पर दौड़ते देखे जा सकते हैं। बावजूद इसके न तो परिवहन विभाग सक्रिय दिख रहा है न ही पुलिस।
पढ़ाते हैं सुरक्षा का पाठ, खुद नहीं करते अमल

यातायात सुरक्षा को लेकर पुलिस व परिवहन विभाग लोगों को सडक़ सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाता है। विभाग की टीमें समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को तेज गति से वाहन न चलाने व क्षमता से अधिक भार लेकर न चलने की हिदायत देते हैं। लेकिन यातायात के कर्ता-धर्ता खुद इन बातों पर अमल नहीं करते। अगर करते तो मौत के दूत बने ये ओवरलोडिंग वाहनों का आवागमन कब का बंद हो गया होता।
नियमों की हो रही अनदेखी

जिस तरह से ओवरलोड वाहन सडक़ों पर दौड़ रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि विभाग पूरी तरह से सक्रिय नहीं है। नियम है कि कोई भी भार वाहक वाहन में क्षमता से अधिक भार नहीं लादा जाए, लेकिन इस नियम का शहर में पालन नहीं हो रहा है। चालक पिकअप, ट्रक में तिरपाल लगाकार चाहे कैसा भी सामान हो वह कई फीट ऊपर तक भरते हैं और सडक़ों पर फर्राटा भरते हैं।
सडक़ें भी होती हैं क्षतिग्रस्त

सडक़ों पर बेखौफ हवा से बात करने वाले यह ओवरलोडिंग वाहन न सिर्फ राहगीरों के लिए आफत बने हुए हैं बल्कि ऐसे ओवरलोड वाहनों से सडक़ों को भी भारी नुकसान पहुंचता है। इन वाहनों के आवागमन से सडक़ों भी क्षतिग्रस्त होती हैं। जिससे यह वाहन जान के साथ माल हानि का भी कारण बन रहे हैं।
ओवरलोड वाहनों की नहीं होती जांच

जिम्मेदार बड़े-बड़े अधिकारी दोपहिया व चार पहिया वाहनों की चेकिंग का फरमान तो जारी करते हैं लेकिन ओवरलोड वाहनों पर कोई निर्देश नहीं दिया जाता जबकि गुलाब बाग चौराहा स्थित यातायात थाने के सामने से ही प्रतिदिन ओवरलोड वाहन गुजरते हैं। जिन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
-ओवरलोडिंग वाहनों पर कार्रवाई करने का अधिकार हमारे पास नहीं है। ऐसे वाहनों पर आरटीओ कार्रवाई करता है। विशेष रूप से संयुक्त कार्रवाई करने के लिए हमें आरटीओ और माइनिंग विभाग की टीम साथ होना भी जरूरी होता है।
टीनू सोगरवाल, यातायात प्रभारी धौलपुर

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