बिल को लेकर दोनों विभाग आए आमने-सामने अभी हाल में बिल राशि को लेकर बिजली विभाग और नगर परिषद दोनों आमने-सामने आ गए। हुआ यूं कि नगर परिषद के 10.45 करोड़ के बिजली बिल ना भरने पर डिस्कोम ने परिषद के ऑफिस की लाइट काट दी। जिसके बाद नगर परिषद ने भी डिस्कोम पर कार्रवाई करते हुए उसके दो ऑफिसों को सील कर दिया। मामला बढ़ता देख अधिकारियों ने वार्तालाप कर परिषद ने 2 लाख रुपए की राशि बिजली विभाग में जमा करा दी। जिसके बाद से फिर परिषद की गाड़ी यूं ही चल रही है।
जल्द ठीक कराने की बात कह जिम्मेदार झाड़ लेते हैं पल्ला नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों के कार्य के प्रति बेरुखी के कारण ही शहर भर जगह-जगह स्ट्रीट लाइटें 24 घंटे जलती रहती है। जिसका मुख्य कारण पोलों में स्ट्रीट लाइट के ऑन ऑफ सिस्टम का ना होना। और जिन पोलों में ऑन ऑफ सिस्टम हैं वहां वह खराब हो चुके हैं। नगर परिषद के जिम्मेदारों से जब जलती स्ट्रीट लाइटों के संबंध में पूछा जाता है तो वह जल्द ही उन्हें ठीक कराने की बात कह देते हैं। लेकिन अभी भी यह स्ट्रीट लाइटें दिन में भी रोशन हैं। जिससे हजारों वाट बिजली की बर्बादी तो हो ही रही है साथ ही स्ट्रीट लाइटों के लगातार चलने से उनके खराब होने की भी संभावना बढ़ जाती है। तो वहीं रोड लाइटों के कनेक्शन के बिलों की राशि बढ़ती जा रही है और नगर परिषद में भी इन बकाया राशि को चुकाने के लिए कोई चिंता नहीं है।
कब तक चलेगा उधार की बिजली से काम शहर की सडक़ों को रोशन करने के लिए लगी रोड लाइट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सहित नगर परिषद कार्यालय भी उधार की बिजली से काम चला रहा है। धौलपुर नगर परिषद पर बिजली बिल के 10.45 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। खासबात यह है कि विद्युत निगम समय-समय पर बकाया चुकाने के लिए नोटिस भेजता है लेकिन उन नोटिसों पर नगर परिषद की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होती। दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलने का मामला सिर्फ धौलपुर ब्लॉक में ही नहीं अपितु जिले के अन्य ब्लॉकों में भी यही हालात हैं। जहां यह स्ट्रीट लाइटें दिन भर जलती रहती हैं।