इन चार बाल वैज्ञानिकों की ओर से प्रदर्शित रचनात्मक मॉडल तैयार किया है। ये इन्सपायर्ड अवार्ड मानक प्रदर्शन में राज्य स्तरीय पर चयनित हुए है। खास बात ये है कि कोई छात्र किसान का बेटा तो किसी के पिता टेलर हैं। छोटी सी उम्र में इनकी उड़ान से परिवार में खुशी है। इन बाल वैज्ञानिकों ने अपनी कल्पना को पंख देते हुए ऐसे मॉडल बनाए कि उनके मॉडल को देखकर हर कोई प्रशंसा किए बगैर नहीं रह सका। आईए आपको ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों से आपको रूबरू करवाते हैं।
कूलर, एसी छोड़िए एक में ही गर्म-ठंडी हवा
लक्ष्य आदर्श विद्या मंदिर के विद्यार्थी नीतेश सिंह पुत्र यशपाल सिंह के मॉडल को सराहा है। उन्होंने कूलर व एसी की हवा देने का एक छोटा सा आकर का सिस्टम बनाया है। ये ठंडी हवा भी देखा अगर जरूरत हैं तो गर्म भी हवा महसूस कर सकते है। दोनों सिस्टम एक में ही, ये बिजली व बैटरी दोनों से ही चलता है। 14 वोल्ट बैटरी व 2 एपीयर एडिपटर के साथ बिजली से भी चला सकते है। नीतेश के पिता निजी स्कूल में अध्यापक है।
सिस्टम से किरण के साथ घूमेगा सौर पैनल
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सांडा के छात्र शुभम पुत्र लक्ष्मीनारायण ने कर दिखाया है। शुभम दिव्यांग हैं लेकिन उसके बाद भी किसी से कमजोर नहीं हैं। शुभम ने सूरज की किरणों के अनुसार धूमने वाला सिस्टम बनाया है। इस सौर पैनल ऐसे सेंसर लगाए गए हैं। जो जिस तरह सूरज की किरण होगी उस तहफ अपने आप दिशा परिवर्तित कर देगी। अब वह प्रदेश में अपनी प्रतिभा में शामिल होगे। गांव में कच्चे मकान व सामान्य परिवार से शुभम निवास करते है। पिता मजदूरी करते हैं। स्मार्ट बेबी पालना में बजेगी घंटी
बाल वैज्ञानिक में बाड़ी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महुआखेड़ा में पढ़ने वाले 11वीं के छात्र रूद्राक्ष पुत्र रन सिंह ने भी अपना हुनर दिखाया कि उनकी कला देखकर हर कोई प्रशंसा कर रहा है। मन में विचार कुछ अलग करने का आया तो अपना हुनर दिया। रूद्राक्ष ने स्मार्ट बेबी पालना बना है। जिसमें बच्चा अगर टॉयलेट करेगा तो तुरंत अलार्म बज जाएगा। इसमें वाटर सेंसर प्लेट का इस्तेमाल किया गया है। जो बैटरी से इसका संचालन होगा। उनके पिता ऑटो चलाते है। लेकिन पढ़ाई करने में सभी सहयोग करते हैं। उनकी इस प्रतिभा से उनके पिता का मान बढ़ा तो खुशी परिवार में दिखी।
रसोईघर में अब मां को नहीं लगेगा धुआं
शहर के पीएमश्री महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय बाड़ा हैदरशाह में 11वीं की छात्रा नीलम पुत्री मंगल सिंह ने मल्टी फीचर्ड कुकिंग स्टोव बनाया है। इसमें दो चूल्हे हैं। जिसमें खाना पकाया जाएगा। इससे निकलने वाला धुंआ आंखों में नहीं जाएगा। वहीं इसी में गर्म पानी भी हो सकेगा। पास में ही एक भाप के लिए स्थान दिया है। भाप निकलकर लैब में इसका उपयोग हो सकेगा। धुआं के लिए अलग से चिमनी बनाई है। जिससे आसानी से घर में खाना बनाते समय आंख सुरक्षित रहेगी। नीलम ने बताया कि उनके परिवार में वहीं एक 10वीं पास करके आगे बढ़ी है। अभी तक सभी बहनों ने 10वीं के बाद पढ़ाई नहीं की है। नीलम के सपनों को उड़ान देने के लिए पिता भी साथ दे रहे हैं। वह पेशे से दर्जी है।