ठेकेदार ने डलवा दी थी सीमेंटेड पाइप यहां हुण्डावाल नगर कॉलोनी और रुंध के बीच पटरी बिछाने के लिए बनाए ट्रेक के नीचे रेलवे ठेकेदार ने बड़ा सीमेंटेड पाइप डलवा दिया था, जिससे जलनिकासी हो सके। इसकी खबर किसानों को मिली तो वह मौके पर पहुंच गए और कड़ा ऐतराज जताया। कुछ ही देर में यहां भीड़ एकत्र हो गई और सीमेंटेड पाइप नहीं डालने की बात कही। यहां काफी बहस हुई जिसके बाद ठेकेदार ने बाद में पाइप को हटवा दिया। जिससे लोग शांत हुए। उधर, उक्त मामले में किसानों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है।
69किमी ट्रेक बिछाने का चल रहा कार्य बता दें कि धौलपुर-सरमथुरा-करौली-गंगापुरसिटी रेल परियोजना का कार्य इन दिनों जोरों से चल रहा है। प्रथम चरण का कार्य धौलपुर से सरमथुरा तक 69.1 किलोमीटर आमान परिवर्तन का कार्य उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के अधीन जारी है। जिसकी अनुमानित लागत करीब 747 करोड़ रुपए है। जबकि द्वितीय चरण सरमथुरा से गंगापुरसिटी तक की लगभग 76.985 किमी की दूरी है। इस पर अनुमानित लागत 1861 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस लाइन के बनने से धौलपुर कोटा लाइन से सीधे जुड़ जाएगा।
पुरानी नैरोगेज लाइन पर बनी है पुलिया बता दें कि इस लाइन पहले नैरोगेज लाइन थी, जिसके बंद अब यहां ब्राडगेज लाइन बिछाई जा रही है। पानी निकासी के लिए पुरानी रेलवे लाइन पर वन स्थली स्कूल के पुरानी पुलिया है। किसानों का कहना है कि जब पहले से पुलिया है तो नई पुलिया बनाने की जरुरत क्या है।
इन कॉलोनियों में जलभराव की जताई आशंका किसान व अन्य लोगों ने सौंपे ज्ञापन में जलभराव की आशंका जताई है। ज्ञापन में बताया कि धौलपुर-गंगापुर रेलवे लाइन के दूसरी तरफ (उत्तर दिशा में) रिहायसी कॉलोनियां हैं। इसमें मयूरी नगर, बाबसिंह नगर, देवनगर, सत्यनारायण नगर, देवनगर द्वितीय, मास्टर मुरारीलाल, शास्त्रीपुरम है। ये कॉलोनियों नगर परिषद के वार्ड नम्बर १ में आती हैं। किसानों का कहना है कि वह खेती कर जीवन यापन कर रहे हैं अगर पुलिया बना दी तो यहां जलभराव की स्थिति रहेगी और खेती करना मुश्किल हो जाएगा।