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धौलपुर

अनाथ और बेसहारा बच्चों का सहारा बना ‘पालनहार’

पालनहार योजना प्रदेश सहित जिले के अनाथ और बेसहारा बच्चों का सहारा बनी हुई है। जिले भर में 17363 बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

धौलपुरOct 23, 2024 / 05:37 pm

Naresh

अनाथ और बेसहारा बच्चों का सहारा बना ‘पालनहार’ 'Palanhar' became support for orphan and destitute children
– धौलपुर में 2917 तो जिले में 17363 बच्चे उठा रहे योजना का लाभ

– 0 से 5 वर्ष के बच्चों को 750 और 6 से 18 वर्ष के बच्चों को मिलती है 1500 की राशि
– शहर में 1704 और जिले में 6564 आवेदनों का सत्यापन शेष

धौलपुर. पालनहार योजना प्रदेश सहित जिले के अनाथ और बेसहारा बच्चों का सहारा बनी हुई है। जिले भर में 17363 बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। योजना के तहत 0 से 5 वर्ष के बच्चों को 750 रुपए और 6 से 18 वर्ष के बच्चों को 1500 रुपए की आर्थिक सहायता के अलावा 2000 रुपए की अतिरिक्त वार्षिक राशि सहायता प्रदान की जाती है।
अनाथ बच्चों के पालन पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार एवं परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, वस्त्र, भोजन एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने मुख्यमंत्री पालनहार योजना का शुभारंभ किया गया। जिसका धौलपुर में 2917 बच्चे तो जिले भर में 17363 बच्चे योजना का लाभ उठा रहे हैं। तो वहीं जिले में 6564 आवेदन ऐसे हैं जिनका अभी सत्यापन होना शेष है। जिनका सत्यापन जारी है। यानी 62.19 प्रतिशत लाभार्थियों का सत्यापन हो चुका है। तो वहीं योजना का लाभ लेने विभाग में प्रतिदिन 10 से 15 आवेदन आ रहे हैं।
जुलाई तक की मिली सहायता राशि

पालनहार योजना के तहत सरकार अनाथ और बेसहारा बच्चों को अलग-अलग 9 श्रेणी में सहायता राशि प्रदान करती है। जो कि हितग्राही के खाते में ही डाली जाती है। अभी तक इन बच्चों को जुलाई तक सहायता राशि मिल चुकी है। जबकि अगस्त और सितम्बर की सहायता राशि अभी तक बच्चों को नहीं मिली है। जिले में 17363 बच्चे इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
पालनहार योजना के लाभार्थी का बायोमेट्रिक से सत्यापन करया जाता है। अन्यथा शैक्षणिक सत्र के लिए भुगतान अस्थाई रूप से निरस्त हो सकता है। ा् सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग संचालित पालनहार योजना में आवेदक स्वयं के जीवित होने (बायोमैट्रिक सत्यापन) और बच्चों के आंगनबाड़ी में पंजीकृत-विद्यालय में अध्ययनरत रहने का वार्षिक नवीनीकरण करवाना होता है।इन बच्चों को मिलता है योजना का लाभमृत्युदंड या आजीवन सजा पा चुके पालकों के बच्चेनिराश्रित पेंशन की पात्र विधवा मां के बच्चे।पुनर्विवाहित करने वाली विधवा मां के बच्चे।एड्स पीडि़त माता-पिता के बच्चे।कुष्ट रोग से पीडि़त माता पिता के बच्चे।नाता जाने वाली माता के बच्चे।विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे।तलाकशुदा व परित्यक्ता महिला के बच्चे।
——–यह दी जाती है सहायता

0.3 वर्ष तक 7503.6 वर्ष तक 7506.18 वर्ष तक 1500अनार्थ वर्ग के बच्चों को निम्न लाभ मिलता है0.3 वर्ष तक 15003.6 वर्ष तक 15006.18 वर्ष तक 2500इसके उतिरिक्त 2000 रुपए वाषिक देय हैं (विधवा व नाता महिला को पालनहार की 2000 रुपए देय नहीं हैं)कहां कितने बच्चेशहर बच्चों की संख्या सत्यापन शेषबाड़ी 2140 1288बसेड़ी 1950 1025धौलपुर 2917 1704राजाखेड़ा 1348 1218सैंपऊ 1690 963सरमथुरा 748 366
पालनहार योजना अनाथ बच्चों के पालन का सहारा है। योजना में अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ा जा रहा है। जिससे उनको इस योजना का लाभ मिल सके। जिले में अभी 17363 बच्चे इस योजना से जुड़े हैं।
-देवेन्द्र सिंह जांगिल, जिला पर्यवेक्षक समाज कल्याण अधिकारी धौलपुर

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