scriptअवैध खनन की चपेट में जिले का सबसे बड़ा पार्क चंबल गार्डन | Chambal Garden, the largest park in the district in the grip of illega | Patrika News
धौलपुर

अवैध खनन की चपेट में जिले का सबसे बड़ा पार्क चंबल गार्डन

धौलपुर. कहने को जिले के सबसे बड़े पार्क चंबल गार्डन के देखरेख और विकास कराए जाने को लेकर जिला प्रशाासन की ओर से तमाम दावे किए जाते है, लेकिन पार्क की वर्तमान स्थिति को देखकर पार्क की कार्य शैली पर सवाल खड़ा हो गया। जहां एक ओर देखरेख के अभाव में पार्क पूरी तरह जर्जर हो चुका है,

धौलपुरAug 22, 2020 / 06:26 pm

Naresh

 Chambal Garden, the largest park in the district in the grip of illegal mining

अवैध खनन की चपेट में जिले का सबसे बड़ा पार्क चंबल गार्डन

अवैध खनन की चपेट में जिले का सबसे बड़ा पार्क चंबल गार्डन
– राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की ओर से वर्ष २००५ में कराया का निर्माण
-पार्क के पास हो रहे खनन को देखकर भी मूक प्रशासन
धौलपुर. कहने को जिले के सबसे बड़े पार्क चंबल गार्डन के देखरेख और विकास कराए जाने को लेकर जिला प्रशाासन की ओर से तमाम दावे किए जाते है, लेकिन पार्क की वर्तमान स्थिति को देखकर पार्क की कार्य शैली पर सवाल खड़ा हो गया। जहां एक ओर देखरेख के अभाव में पार्क पूरी तरह जर्जर हो चुका है, तो वहीं माफिया खनन कर पार्क को खोखला करने से नहीं चूक रहे है। जल्द ही यहां ध्यान नहीं दिया गया तो पार्क का इतिहास केवल पन्नों में रह जाएंगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की ओर से वर्ष २००५ में शहर के समीप करीब नौ वीघा जमीन में डेढ़ करोड़ की लागत से चंबल गार्डन विकसित किया था। करीब तीन वर्ष तक निगम में देखरेख के बाद पार्क की जिम्मेदारी नगर परिषद को दे दी गई। तभी से पार्क की व्यवस्थाओं ने दम तोडऩा शुरू कर दिया। हाल में पार्क बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कभी शहर का आकर्षण बना चम्बल पार्क आज खुर्द-बुर्द तक हो चुका है।
टूटी फर्श, उखड़ पोल
चम्बल पार्क में देखरेख की नगर परिषद ने कोई भी व्यवस्था नहीं की, हाल में यहां लगी फर्श पूरी तरह से उखड़ चुकी हैंपार्क में प्रवेशसे लेकर अन्दर तक कमोबेश यही हाल हैं। उधर बिजली के पोल भी पार्क में उखड़े हुए हैं। लाइटें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। पार्क दूर-दूर तक उजाड़ ही उजाड़ ही दिखता है। पार्क में लगी घास पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। पेड़ सूख चुके हैं। पार्क काफी वीरान सा दिखता है। पार्क में लगे फव्वारे भी खत्म हो चुके हैं। फव्वारों के चारों ओर जमा पानी भी काई में तब्दील हो चुका है। ऐसे में यहां बदबू तक आती है।
पानी ने बिगाड़ा खेल
दरअसल थर्मल पावर प्लांट ने करीब २००५ में लाखों की लागत से इस पार्कको तैयार कराकर स्थानीय निकाय को सौंप दिया। जिसके बाद देखभाल का जिम्मा स्थानीय निकाय ने ले लिया। लेकिन पार्क को संवारने के लिए जरूरी पानी के लिए पार्क में कोई स्त्रोत नहीं था। अब पार्क को संवारने के लिए आवश्यक पानी का कोई इंतजाम नहीं पाया। बाड़ी रोड स्थित पहाड़ी इलाके में पार्क के लिए पानी निकालने के लिए स्थानीय निकाय ने ४०० फीट तक की बोरिंग भी कराई लेकिन सूखी धरती से पानी नहीं निकल पाया। ऐसे में स्थानीय निकाय को निराशा ही हाथ लगी। उधर पानी के लिए जलदाय विभाग की आपूर्ति लाइन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने से पार्क में पानी ही नहीं पहुंच पाता है।
पार्क को खोखला कर रहा अवैध खनन
पहाड़ पर बने पार्क के आसपास के क्षेत्र में जमकर अवैध खनन हो रहा है, जिसके कारण पार्क के आसपास की जगह पूरी तरह खोखली हो चुकी है। पार्क के पास दनादन हो रहे अवैध खनन को देखने और रोकने वाला कोई भी नहीं है। ऐसे में यहां खनन करने वालों का दुस्साहस भी बुलंद है। पार्क के पास हो रहे अवैध खनन को जल्द ही नहीं रोका गया तो पार्क का आस्तित्व समाप्त हो जाएंगा।
चंबल गार्डन पर हो रहे अवैध खनन के बारे में जानकारी नहीं है, अगर यहां खनन कार्य चल रहा है, इस बारे में जानकारी जुटाई जाएंगी और आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएंगी।
राकेश कुमार जायसवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर।

Hindi News / Dholpur / अवैध खनन की चपेट में जिले का सबसे बड़ा पार्क चंबल गार्डन

ट्रेंडिंग वीडियो