सैलानियों को चंबल की सैर कराने वाली वोटें चंबल किनारे पिछले 12 दिनों से फिटनेस क्लीयरेंस के इंतजार में खड़ी हैं। लेकिन अभी तक नगर परिषद की ओर ासे आरटीओ कार्यालय फिटनेस प्रमाण पत्र का लेटर तक जारी नहीं किया गया है। जिस कारण वोटों की फिटनेस क्लीयरेंस न होने के कारण वोटिंग प्रारंभ नहीं हो सकी है। सर्दी का मौसम भी प्रारंभ हो गया है लेकिन सैलानी अभी तक वोटिंग का लुत्फ नहीं उठा पा रहे। और केवल चंबल किनारे सैर कर वोटों में खड़े होकर फोटो खिंचवाकर निराश लौट रहे हैं। चम्बल सफारी के प्रारंभ न होने से जहां सैलानी निराश हैं वहीं नगर परिषद भी कमाई का जरिया खो रहा है। जब इस संबंध में नगर परिषद से जानकारी लेना चाही तो परिषद के आला अधिकारी ने बताया कि चम्बल सफारी में सैलानियों की कमी और भारी राजस्व के नुकसान के कारण जल्द ही चम्बल सफारी का टेण्डर निकालकर वोटिंग योजना को ठेका पर दिया जाएगा। जिससे परिषद के राजस्व में फायदा हो सके। परिषद की माली हालत खराब होने के कारण ही शरद मेला को भी 83 लाख रुपए के ठेके पर दिया गया था।
मप्र सीमा में प्रारंभ वोटिंग सीजन प्रारंभ हुए दो माह बीतने को लेकिन अभी तक चंबल में वोटिंग प्रारंभ नहीं हो सकी है। मप्र की चंबल सफारी की तर्ज पर नगर परिषद ने सैलानियों को बढ़ावा देने चंबल सफारी की शुरुआत की थी। हालांकि मप्र की सीमा में सैलानी वोटिंग का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। मप्र की चंबल सफारी पिछले डेढ़ माह पहले ही प्रारंभ हो चुकी है। लेकिन फिटनेस क्लीयरेंस न मिलने के कारण धौलपुर नगर परिषद संचालित चंबल सफारी योजना अभी भी बंद पड़ी है।
सैलानियों के साथ चालक भी निराश घाटे में चल रही नगर परिषद वोटिंग को प्रारंभ न कर कमाई का मौका गंवा रही है। जिस कारण सैलानियों में भी निराशा है। परिषद ने वोट में चम्बल की सैर करने के लिए 2000 रुपए का शुल्क निर्धारित किया है। एक वोट में अधिकतर 12 लोग चम्बल की सैर कर सकते हैं। सैलानियों को चम्बल की सैर कराने के लिए 2 चालक, और सिक्योरिटी गार्ड को तैनात कर रखा है। लेकिन वोटिंग प्रारंभ न होने से वह भी मायूस दिख रहे हैं।
चम्बल सफारी योजना से नगर परिषद को लाखों के राजस्व का घाटा हो रहा है। जिस कारण जल्द ही टेण्डर जारी कर चम्बल सफारी को ठेका पर देकर संचालित किया जाएगा। अशोक शर्मा, नगर आयुक्त