यशोदा जयंती पूजा विधि
24 फरवरी 2019 को सुबह 7 बजे से 10 बजे तक एवं शाम को 4 बजे से रात 8 बजे तक पूजा का शुभ मुहुर्त हैं । यशोदा जयंती के दिन मां यशोदा को सच्चे मन से याद करें, उनका आवाहन करें एवं उनसे संतान सुख के लिए आशीर्वाद मांगें । मां तो सभी के लिए वात्सल्य से भारी हुई हैं, अगर कोई संतान सुख की कामना रखते हैं तो यशोदा जयंती के दिन प्रातः काल उठकर स्नान के बाद स्वच्छ आसन पर बैठकर मां यशोदा एवं भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल रूप का ध्यान करते हुये पूजन करें । मां को लाल चुनरी चड़ाएं, पंजीरी एवं मीठा रोठ एवं थोड़ा सा मख्खन लड्डू गोपाल को भोग लगाये और कन्हैया को मोर पंख अर्पित करें । पूजा करते समय मन ही मन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें । कुछ ही दिनों में हर इच्छा पूरी हो जायेगी ।
कहा जाता है माता यशोदा ने भगवान विष्णु की घोर कठिन तपस्या की, और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वर मांगने को कहा, माता ने कहा हे नारायण मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे, मेरे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे । भगवान ने प्रसन्न होकर तथास्तु कहा । द्वापर काल में वासुदेव एवं देवकी माँ के घर कृष्ण ने जन्म तो लिया लेकिन मातृत्व का सुख केवल यशोदा जी को ही मिला, और माता यशोदा ने ही कन्हैया का पालन पोषण किया । कहा जाता हैं कि एक समय श्री कृष्ण ने मैया यशोदा के जन्म दिन पर प्रसन्न होकर कहा था की जो कोई भी आपके जन्मदिन पर आपका नाम लेकर मुझें माखन का भोग लगायेगा मैं स्वयं उनको दर्शन देकर उनकी सभी इच्छाएं पूरी करूंगा ।