विवाह पंचमी के दिन शादी सुदा जोड़े भगवान राम और माता सीता जी की पूजा करते है और साथ ही उनसे अपने सुखमय जीवन की कामना करते हैं। माना जाता है कि जो दंपत्ति विधिपूर्वक पूजा करते हैं। उनके वैवाहिक जीवन खुशियां आती हैं और हर मनोकामना पूरी होती हैं।
पूजा का समय (Puja Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 5 दिसंबर को दोपहर 12:49 बजे शुरू होगी और 6 दिसंबर को दोपहर 12:07 बजे समाप्त होगी। इस शुभ समय में जो भक्त पूजा करेंगे। उनको पुण्यकारी फल की प्राप्ति होगी।
विवाह से संबंधित बाधा होती हैं दूर (Vivah Sambandhi Bada Hoti Hain Dur)
धार्मिक मान्यता है कि विवाह पंचमी के पवित्र दिन पर सच्ची श्रद्धा से भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से विवाह में आ रही बाधा कट जाती हैं। जिन लोगों की शादी में देरी होती है। उनको अपने वैवाहिक जीवन को लेकर शुभ संकेत मिलते हैं।
पूजा विधि (Puja Vidhi)
विवाह पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। उसके बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद घर के पूजास्थल की गंगा जल से सफाई करें। एक चौकी लें और उस पर नया लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर भगवान राम और माता सीता की मूर्तियों को विराजमान करें। इसके बाद दोनों को पीले फूल आर्पित करें। इसके बाद एक थाल लें। उसमें एक घी का दीपक जला कर रखें। पूजा के अंत में भगवान राम और माता सीता की आरती करें। मान्यता है कि इस तरह विधिवत पूजा करने से विवाह संबंधी बाधा दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।