मान्यता के अनुसार इस पूजा को करने से सूर्य से जुड़ा कोई भी दोष निष्प्रभावी हो जाता है। और जातक बिना किसी बाधा के मनचाहा लक्ष्य प्राप्त कर सुख की प्राप्ति करता है।
सूर्य पूजा क्यों की जाती है?
यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो माना जाता है कि ऐसा व्यक्ति के जीवन में कम आत्मविश्वास और समाज में उच्च स्थिति प्राप्त करने से संबंधित समस्या रहतीं है। जातक को समाज से अपमान मिलता है।
एक पीड़ित सूर्य पितृ दोष का निर्माण करके पिता या पिता की आकृति के साथ समस्या का कारण बनता है, इस प्रकार, आपके दोष, स्वास्थ्य, धन और स्थिति से संबंधित कुछ क्षेत्रों को दूर करने के लिए, सूर्य के दुष्प्रभाव को नकारने के लिए सूर्य ग्रह पूजा की जाती है।
सूर्य को लेकर भगवान कृष्ण, अर्जुन को प्रवचन करते हुए, विभूति योग में वर्णन करते हैं-
आदित्यनमहं विष्णुज्योतिषां रविरंशुमान् ।
मरीचिर्मरुतामस्मि मराणामहं शशी
अर्थात: आदित्यों में मैं विष्णु हूं, ज्योतियों में मैं दीप्तिमान सूर्य हूं, मरुतों में मरुचि हूं और नक्षत्रों में चन्द्रमा हूं।
श्री सूर्य (सूर्य ग्रह) पूजा के लाभ (मान्यता के अनुसार)…
1. नीच के सूर्य के दुष्प्रभाव को दूर करने में लाभकारी।
2. माना जाता है कि भास्कर पूजा व्यक्ति को अधिकार प्राप्त करने, पदोन्नति पाने और करियर में वृद्धि करने में मदद करती है।
3. सूर्यदेव की पूजा करने के संबंध में माना जाता है कि ऐसा करने से यह एकाग्रता को बढ़ाने के साथ ही उस कारण आ रही समस्या का समाधान करते हैं।
4. भानु पूजा विशेष रूप से आंखों की समस्या के लिए वरदान मानी गई है।
5. जन्म कुंडली में बनने वाले पितृ दोष को दूर करता है।
6. कम आत्मविश्वास या इच्छाशक्ति वालों के लिए अच्छा उपाय माना जाता है।
7. सरकारी क्षेत्र में आने के इच्छुक लोगों को यह पूजा सबसे अच्छी मानी गई है।
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8. सूर्य को ज्योतिष में पिता माना गया है,ऐसे में माना जाता है कि इनकी पूजा से पिता के साथ संबंध सुधारता है और इसे करने से पिता के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
9. इनकी पूजा समाज में सम्मान, प्रतिष्ठा और स्थिति प्राप्त करने में मदद करती है।
10. यह क्रोध, आक्रामकता और प्रभुत्वपूर्ण व्यवहार को नियंत्रित करने में मदद करती है।
दिलचस्प बात यह है कि मानव जीवन के फैसले के लिए सूर्य के दो बेटे शनि और यम जिम्मेदार हैं। शनि हमें उचित दंड और पुरस्कार के माध्यम से किसी के जीवन के कर्मों का फल देते हैं जबकि यम मृत्यु के बाद के कर्मों का फल देता हैं।
ऐसे में माना जाता है कि रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना करने और कुछ उपाय अपनाने से सूर्य मजबूत होकर अच्छे फल देने लगता है…
1. सूर्य को अर्पित करें जल
रोजाना सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं, यदि ऐसा न हो सके तो रविवार की सुबह ये काम जरूर करें। रविवार सुबह स्नान करके तांबे के लोटे में चावल, लाल रंग के फूल और लाल मिर्च के कुछ दाने डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही सूर्य के मंत्रों का पाठ करें।
2. रविवार को आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ विशेष माना गया है, मान्यता है कि इससे सूर्य देव की विशेष कृपा मिलती है।
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रविवार को लेकर ये भी है मान्यता…
– रविवार के दिन किसी शुभ या जरुरी काम से बाहर जाना हो तो निकलते समय गाय को रोटी देने से काम में सफलता मिलती है।
– रविवार को तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ी कुमकुम डालकर बरगद पेड़ की जड़ में चढ़ाएं, ऐसा करने से सूर्य मजबूत होता है।
– रविवार के दिन मछलियों को आटे की गोली बनाकर खिलाने से बहुत लाभ मिलता है। इसके अलावा चीटियों को शक्कर लिखाना भी फायदा देता है।
– रविवार के दिन पैसों से संबंधित काम करने से बचना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से धनहानि होती है। साथ ही जिंदगी में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
– यह भी माना जाता है कि धन लाभ के लिए रविवार को शुद्ध कस्तूरी को पीले रंग के कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखना आपके भाग्य को चमकाता है।