सूर्य मंत्र के जप के अद्भूत लाभ
सूर्य मंत्र के जप सो कैसा भी रोग क्यों न हो कुछ ही दिनों में उस रोग से मुक्ति मिल जाती है। इस मंत्र के जप से चिंता, तनाव, अवसाद, नकारात्मक सोच आदि मानसिक व्याधियों से छूटकारा मिल जाता है। सूर्य उपासना से जपकर्ता के मन से अहंकार, हीन भावना, ईर्ष्या आदि के भाव हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। जन्म कुंडली में सूर्य दोष होने पर सूर्य पूजा व मंत्र जप से शीघ्र लाभ मिलने लगता है।
रविवार के दिन भगवान सूर्य देव की पूजा उपासना करने से नौकरी, व्यापार में आने वाली सभी तरह की बाधाएं दूर होने लगती है। जो व्यक्ति हर रोज उगते सूर्य को श्रद्धा पूर्वक अर्घ्य अर्पित करते हैं, उनका जीवन सूर्य देव की तरह प्रकाशवान बनने लगता है।
इस सूर्य मंत्र का करें जप
जिसके जीवन में बार-बार समस्याएं आ रही हो वे प्रति रविवार के दिन सूर्योदय से एक घंटे पहले नहा धोकर, पीले वस्त्र धारण कर लें। अब कुशा के पीले आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके आंख बंद, दोनों हाथ गोदी में रखकर बैठ जावें।सबसे पहले धीरे-धीरे लंबी गहरी स्वास ले एवं उगते सूर्य के प्रकाश का ध्यान करें। भाव करें की भगवान सूर्य नारायण का दिव्य प्रकाश आपके शरीर के रोम-रोम में प्रवेश कर रहा है। 10 मिनट तक ऐसे ध्यान करें, अब इस सूर्य मंत्र का तुलसी की माला से 251 बार मन ही मन करें। मंत्र जप पूरा होने के बाद, उगते सूर्य को “ॐ सूर्याय नमः” बोलते हुए अर्घ्य दें। ऐसा करने से जपकर्ता की सभी कामनाएं पूरी होने लगेगी।
इस मंत्र का करें जप, मंत्र का जप करते समय उगते सूर्य का ध्यान करते रहे। सूर्य देव से प्रार्थना भी करते रहे की वे आपकी सभी कामनाएं पूरी कर दें।
।। ॐ हृां हृौं सः सूर्याय नमः ।।
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