ग्रहों के दुष्प्रभावों का होता है शमन
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार सावन मास में शिवोपासना द्वारा अनिष्ट ग्रहों के दुष्प्रभावों का शमन किया जा सकता है। श्रावण मास में शिव उपासना के साथ राशि के स्वामी ग्रह को प्रबल बनाकर शिव कृपा से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि सरलतापूर्वक से पाई जा सकती है।ऐसे करें सावन में राशि अनुसार पूजा
मेष राशिः श्रावण मास में नित्य शिवलिंग पर बेलपत्र पर सफेद चंदन से श्रीराम लिखकर जल अर्पित करें।वृष राशिः शिवलिंग पर दूध-दही से अभिषेक कर और हारश्रृंगार के फूलों से बनी माला चढ़ाकर , सफेद चंदन से तिलक करें।
मिथुन राशिः भगवान शिव का शहद से रुद्राभिषेक करें, इसके बाद गाय को हरी घास खिलाएं।
सिंह राशिः श्रावण मास में शुद्ध देसी घी से भगवान शिव को स्नान कराएं।
कन्या राशिः दूध और शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें, बेलपत्र, मदार के पुष्प, धतूरा और भांग अर्पित करें।
वृश्चिक राशिः शिवलिंग को तीर्थस्थान का जल और दूध में शक्कर, शहद मिलाकर स्नान कराएं और रक्त चंदन से तिलक करें।
धनु राशिः शिवलिंग को कच्चे दूध में केसर, गुड़ और हल्दी मिलाकर स्नान कराएं तथा केसर-हल्दी से तिलक करें और पीले पुष्प अर्पित करें।
कुम्भ राशिः भगवान शिव को गंगाजल में भस्म मिलाकर स्नान कराने के बाद सरसों के तेल का तिलक लगाएं।
मीन राशिः भगवान शिव को कच्चे दूध में हल्दी मिलाकर स्नान कराने के बाद केसर का तिलक करें, पीले पुष्प तथा केसर के रेशे अर्पित करें।