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Paush Putrada Ekadashi 2025: नए साल में कब है पुत्रदा एकादशी, जानिए पूजा विधि और महत्व

Paush Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी के शुभ दिन पर भगवान विष्णु की अपार कृपा बरसती है। इस दिन जो भक्त विधि-विधान से पूजा करते हैं। उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।

जयपुरDec 26, 2024 / 05:16 pm

Sachin Kumar

Paush Putrada Ekadashi 2025

Paush Putrada Ekadashi 2025

Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करना बेहद शुभ माना जाता है। यह व्रत हर वर्ष पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया है। नए साल 2025 में यह व्रत 10 जनवरी दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान को सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान की उन्नति के लिए आशीर्वाद मिलता है।

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पुत्रदा एकादशी का महत्त्व

पौष माह की पुत्रदा एकादशी का विशेष फलदायी होती है। यह खासकर उन दंपतियों के लिए है जो संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शुभ दिन पर व्रत का पालन करने और भगवान विष्णु की उपासना करने से संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। इसके साथ ही यह व्रत संतान की सुख-समृद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए भी किया जाता है।

पूजन विधि

व्रत करने वाले जातक को सुबह जल्दी उठना चाहिए और पवित्र जल से स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।


घर के पूजा स्थल या मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद फूल माला पहनाएं।
इसके साथ ही भगवान विष्णु को फल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें और हाथ जोड़कर भगवान से प्रर्थना करें कि हमारे भोग स्वीकार करें।

विष्णु सहस्रनाम, भगवद्गीता और एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। रात्रि में जागरण कर भगवान विष्णु का ध्यान करें।

पुत्रदा एकादशी 2025 की तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार पूष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन अगले दिन 10 जनवरी 2025 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य उगने के बाद तिथि की गणना की जाती है। यही वजह है कि 10 जनवरी दिन शुक्रवार को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।


भगवान विष्णु की पूजा


धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। जो लोग इस दिन विधि पूर्वक पूजा-पाठ और व्रत करते हैं। उन पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। मान्यता है कि यह दिन संतान को सुख-समृद्धि देने वाला होता है। इस दिन भक्तिपूर्वक व्रत रखकर भगवान विष्णु का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें।

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