शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब शनि ग्रह जन्म की चंद्र राशि से बारहवें, पहले और दूसरे भाव में से गुजरते हैं, तब शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है। शनि की साढ़ेसाती साढ़े सात साल की होती है। इसमें ढाई-ढाई साल के तीन चरण होते हैं। इस समय को काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इस दौरान जातक को बाधाओं, कार्य में देरी और नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।शनि की साढ़ेसाती के तीनों चरण को यहां जानें
उदित चरण: इस चरण में आर्थिक क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सेहत भी ठीक नहीं रहती है और जातक का मन सांसारिक कामों से दूर हटने लगता है। इससे पैसों की तंगी हो सकती है और कर्ज चढ़ सकता है।तीसरा चरण: यह शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण होता है। इस दौरान आपको पिछले दो चरणों में किए गए काम का फल मिलता होता है। इस चरण में आर्थिक संतुलन, पारिवारिक मसले और आध्यात्मिक विकास पर प्रभाव पड़ता है।
कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती का चल रहा दूसरा चरण
मान्यता है कि शनि देव व्यक्ति को कर्मों के हिसाब से फल देते हैं, जो व्यक्ति मेहनत से अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें शनि की कृपा मिलती है और गलत काम करते हैं उन्हें सजा मिलती है। पंचांग के अनुसार शनि देव ने 24 जनवरी 2020 को कुंभ राशि में प्रवेश किया था और इसी दिन से कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हुआ था। यह कुंभ राशि से साढ़े साती 03 जून 2027 को खत्म होगी। हालांकि कुंभ राशि के लोगों को शनि की महादशा से पूरी तरह से मुक्ति 23 फरवरी 2028 को मिलेगी जब शनि देव मार्गी होंगे।ज्योतिषियों के अनुसार दूसरे चरण को शनि की साढ़ेसाती का सबसे मुश्किल स्थिति माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ सकता है। आर्थिक स्थिति भी परेशान करती है, इस समयावधि में व्यक्ति को धोखा भी मिल सकता है। लेकिन शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में व्यक्ति को यह उपाय करना चाहिए।