चंद्र दर्शन का महत्वः शास्त्रों में कई जगह इसका वर्णन मिलता है कि शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को चंद्र दर्शन से कुंडली में विपरीत चंद्र अनुकूल हो जाते हैं और भक्त को राहत देने लगते हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा अर्चना का भी विधान बताया गया है।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै,
पुत्रमस्यै विशवोSमी राजः सोमोSस्माकं ब्राह्माणानां ग्वं राजा।
मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन चंद्रमा को खीर का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा ऊं सों सोमाय नमः मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
ये है चंद्रदेव का बीज मंत्रः आचार्य प्रदीप के मुताबिक चंद्रदेव का बीज मंत्र ऊं श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः है।
चंद्रदेव के अन्य मंत्र
ऊं श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।
ऊं ऐं क्लीं सोमाय नमः।
ऊं श्रीं श्रीं चंद्रमसे नमः।