सावन में मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat 2024)
हर सोमवार व्रत के अगले दिन मंगला गौरी व्रत पड़ता है। इसमें माता पार्वती के गौरा स्वरूप और भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। इस साल सावन में चार मंगला गौरी व्रत पड़ेंगे। पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को है और आखिरी मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त को है। आइये जानते हैं कब से शुरू होगा मंगला गौरी व्रत और पहला मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा।सावन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा का आरंभः रविवार 21 जुलाई 2024 को दोपहर 03:46 बजे से
सावन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा का समापनः सोमवार 22 जुलाई को दोपहर 01:11 बजे तक
इसलिए सावन महीने का आरंभ (उदयातिथि में): सोमवार, 22 जुलाई
पहला मंगला गौरी व्रत: 23 जुलाई
दूसरा मंगला गौरी व्रत: 30 जुलाई
तीसरा मंगला गौरी व्रत: 6 अगस्त
चौथा मंगला गौरी व्रत: 13 अगस्त ये भी पढ़ेंः Shiv Ji Ki Aarti: शिव जी की आरती, ओम जय शिव ओंकारा
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि (Mangala Gauri Vrat Worship)
- मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर मां गौरी की प्रतिमा और व्रत का सामान रख दें।
- इसके बाद मां मंगला गौरी के सामने व्रत का संकल्प करें और आटे से बना हुआ दीपक जलाएं।
- फिर मां गौरी की विधि पूर्वक पूजा करें, उन्हें फल-फूल, धूप-दीप अर्पित करें।
- माता के मंत्रों का जाप करें, मां की आरती करें और सुख-समृद्धि की प्रार्थना कर पूजा पूरी करें।
मंगला गौरी पूजा के मंत्र (Mangala Gauri Vrat Mantra)
- सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।
- ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा ।।