1- सबसे पहले मकर संक्रांति के एक दिन पहले छोटा सा तांबे से बना सूर्य यंत्र (लॉकेट) खरीद कर लाये और घर के पूजा स्थल में रख दें ।
2- मकर संक्रांति पर वाले दिन सुबह 4 बजे स्नान करके शुद्ध हो जायें ।
3- अब किसी खुले स्थान पर जाये जहां से उगता हुआ सूर्य खुली आखों से देखा जा सके वहां थोड़ा गंगाजल मिला जल तांबे के लोटे भर एवं सूर्य यंत्र को साथ लेकर कुशा का आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं ।
4- अपने उपर थोड़े से जल से ऊँ सूर्याय नमः बोलते हुये छिड़के और अपने साथ लाये जल से भरे लोटे के उपर सूर्य यंत्र को रखकर लाल कुमकुम व लाल फूलों से पूजन करें ।
5- अब अपनी सभी बाधाओं के निवारण की प्रार्थना करते हुये सुबह 5 बजे से लेकर सूर्योदय तक 1008 बार इस सूर्य बीज मंत्र का जप करते हुए उस सूर्य यंत्र को सिद्ध करें ।
सूर्य बीज मंत्र- ऊँ हृां हृीं हृौं सह सूर्याय नमः ।।
6- मंत्र जप पूरा होने के बाद उगते हुये सूर्य को पास रखे लोटे के जल से अर्घ्य देने के बाद थोड़ा सा जल पी लें ।
7- अब सूर्य यंत्र को सीधे हाथ की हथेली में रखकर 21 बार जिस मंत्र का जप किया हैं बोलते हुये सिद्ध सूर्य यंत्र को अभिमंत्रित कर गले में पहन लें ।
8- इसको धारण करते ही जन्म कुंडली में सूर्य खराब होने के कारण आने वाली समस्त परेशानियां दूर होने लगती हैं ।
9- इस यंत्र को पहनने से नौकरी में प्रमोशन या वेतनवृद्धि या अन्य तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं ।
10- नेत्र, हड्डी संबंधी रोग दूर होते हैं, परिवार या समाज खोया हुआ सम्मान और पद पुनः प्राप्त हो जाता हैं ।