देवी कात्यायनी को मधु अर्थात शहद का प्रसाद अर्पित करना चाहिए। इनकी पूजा के लिए क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः या ऊं देवी कात्यायन्यै नमः मंत्र जपना चाहिए। इससे क्रोध को सकारात्मक दिशा में लगाने का बल मिलता है, जिससे भक्त का जीवन बदल जाता है। आइये पढ़ें
नवरात्रि में मां कात्यायनी की फेमस आरती ..
॥ आरती देवी कात्यायनी जी की ॥
जय जय अम्बे जय कात्यायनी। जय जग माता जग की महारानी॥ बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहावर दाती नाम पुकारा॥ कई नाम है कई धाम है। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥ हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी। कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥ हर जगह उत्सव होते रहते। हर मन्दिर में भगत है कहते॥ कत्यानी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की॥ झूठे मोह से छुडाने वाली। अपना नाम जपाने वाली॥ बृहस्पतिवार को पूजा करिए। ध्यान कात्यानी का धरिये॥ हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी माँ को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥
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