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जन्माष्टमी पर भगवान को लगाएं ये भोग और इस विधि से पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

Janmashtami Bhog: जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में उनके प्रिय भोग चढ़ाने से उनका आशीर्वाद मिलता है। इससे भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूरी करते हैं। आइये जानते हैं जन्माष्टमी पर भोग क्या लगाएं और सुबह से शाम तक कैसे करें पूजा..

भोपालAug 25, 2024 / 10:44 pm

Pravin Pandey

Janmashtami Bhog

जन्माष्टमी पर भगवान को लगाएं ये भोग और इस विधि से पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

Janmashtami Bhog 2024: पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को की चीजें बेहद प्रिय हैं। ऐसे में उनके जन्मोत्सव पर भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय भोग उन्हें अर्पित करने से वो प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं। आइये जानते हैं जन्माष्टमी पर कौन सा प्रिय भोग अर्पित करें..

जन्माष्टमी पर कान्हा के प्रिय भोग
पंचामृत

जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण अवतार लिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार कान्हा को दूध, दही, माखन आदि प्रिय हैं। इसलिए इस दिन उनका पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। साथ ही दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से तैयार पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। इसमें तुलसी का पत्ता जरूर डालें। मान्यता है इससे परिवार में सौहार्द्र बढ़ता है।

आटे या धनिये की पंजीरी

मान्यता के अनुसार कान्हा को माखन मिश्री के अलावा आटे या धनिये की पंजीरी भी पसंद है। इसलिए जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा में आटे या धनिये की पंजीरी को भोग में शामिल करना चाहिए। इससे हर मनोकामना पूरी होती है।

खीरा

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दिन कान्हा की पूजा में खीरा चढ़ाना चाहिए। परंपरा के अनुसार जन्माष्टमी की रात खीरा काटकर (भगवान कृष्ण का गर्भनाल मानकर)लड्‌डू गोपाल का जन्म भी कराया जाता है।

मखाने की खीर

जन्माष्टमी पर खीर का भोग लगाना भी शुभफलदायक है। मान्यता है ऐसा करने वाले भक्त को संतान सुख प्राप्त होता है, मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है।

माखन मिश्री


श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी पर माखन-मिश्री में केसर डालकर चढ़ाएं। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं। विवाह में आ रही परेशानियां भी खत्म होती है।

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यह है निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त


पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी 2024 को निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की रात 12 .01 बजे से 12.45 बजे तक है। इससे पहले सुबह से निशिता पूजा तक इन चरणों को अपनाएं..

चरण दर चरण जन्माष्टमी पूजा विधि

  1. जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान कृष्ण के मंदिर में जाएं।
  2. भगवान श्री कृष्ण को मोर-पंख चढ़ाएं या घर पर ही पूजा करें और मोर पंख चढ़ाएं।
  3. लड्डू गोपाल को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार करें।
  4. फल-फूल, पंजीरी, धूप, दीप, चंदन, अगरबत्ती आदि समर्पित करें, भगवान के मंत्रों का जाप करें, आरती करें।
  5. लड्डू गोपाल को झूला झुलाएं, ‘कृं कृष्णाय नम:’ मंत्र का 108 बार पाठ जरूर करें।
  6. रात 12 बजे की पूजा से पहले फिर से स्नान करें और दक्षिणावर्ती शंख से भगवान कृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करें।
  7. 56 भोग, पंजीरी, फल-फूल आदि चढ़ाएं, अगरबत्ती, धूप, दीप, वस्त्र आदि चढ़ाएं
  8. बांसुरी, मुकुट अर्पित करें, माखन मिश्री, मखाने की खीर चढ़ाएं।
  9. भगवान से अपनी प्रार्थना करें, नीचे लिखे मंत्रों का जाप करें, परिवार के साथ आरती करें।
  10. पूजा में गलतियों के लिए माफी मांगें
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जन्माष्टमी पूजा मंत्र

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
श्री कृं कृष्ण आकृष्णाय नमः
ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
गोकुल नाथाय नमः
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः

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