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Chaturmas Special: चातुर्मास की पूरी अवधि में ये देवी करती हैं सृष्टि की रक्षा

देवशयनी एकादशी से देवता शयन में…

Jun 26, 2021 / 02:07 pm

दीपेश तिवारी

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हिंदू धर्म में यूं तो 33 कोटी देवों की मान्यता है। लेकिन Chaturmas चातुर्मास में Devshaynai Ekadashi देवशयनी का दिन एक ऐसा समय माना जाता है जिस समय जगत के पालनहार भगवान विष्णु 4 माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में सृष्टि की रक्षा का भार तुलसी माता पर रहता है।

वहीं इन चार महीनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। इसके बाद Devuthani ekadashi देवउठनी एकादशी के दिन से घरों में demanding work मांगलिक कार्य दोबारा शुरू हो जाते हैं। दरअसल शास्त्रों के अनुसार जब वर्षाकाल प्रारंभ होता है तो देवशयनी एकादशी से देवता शयन में चले जाते है, इसके बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी अर्थात्‌ देवउठनी एकादशी को वह उठते हैं।

जानकारों के अनुसार इसी कारण Chaturmas चातुर्मास के पहले दिन यानि हरिशयनी एकादशी का दिन Tulsi Plant तुलसी का पौधा घर में लगाने के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन जहां घरों में Tulsi तुलसी का पौधा लगाया जाता है, वहीं पूरे चातुर्मास भर तुलसी का पूजन अनिवार्य माना गया है।

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Harishaynai Ekadashi हरिशयनी एकादशी के दिन घरों में puja of tulsi तुलसी के पौधे को पूरे विधि विधान के साथ लगाया जाता है। इस दौरान तुलसी की पूजा के साथ-साथ आरती व कीर्तन भी किया जाता है। उसके बाद हर दिन सुबह के समय तुलसी को जल दिया जाता है, जबकि रात्रि को तुलसी के पौधे के पास दिया जलाकर उसका पूजन किया जाता है। यह सिलसिला पूरे चातुर्मास चलता है।

धर्म के जानकारों के अनुसार हरिशयनी एकादशी के दिन जहां lord vishnu भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार महीने के लिए शयन करने चले जाते हैं वहीं इस पूरी अवधि में माता तुलसी ही इस धरती की रक्षा करती हैं। इसीलिए इन चार महीनों में माता तुलसी की विशेष पूजा आराधना की जाती हैं।

इसके बाद चातुर्मास के अंतिम दिन यानि देवउठनी एकादशी को तुलसी का Bhagwan vishnu भगवान श्री हरि विष्णु के Shaligram शालीग्राम स्वरूप के साथ Tusi vivah प्रतीकात्मक विवाह कर श्रद्धालु उन्हें बैकुंठ को विदा करते हैं।

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माना जाता है कि देवउठनी एकादशी तिथि को तुलसी जी पृथ्वी लोक से Baikunth Lok बैकुंठ लोक में चली जाती हैं और god देवताओं के जागृत होने पर उनकी समस्त शक्तियां पृथ्वी लोक में आकर लोक कल्याणकारी बन जाती हैं। साथ ही उनके आशीर्वाद से पृथ्वी लोक में समस्त मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ हो जाते हैंं।

 

: तुलसी का पौधा घर के वस्तु दोषों को भी दूर करता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

: बरसात के इन दिनों और आने वाली सर्दियों में कई बीमारियां स्वत: ही जन्म लेती हैं जो विषाणु या जीवाणुओं से फैलती हैं। इन बीमारियों को दूर करने में Tulsi ji तुलसी बहुत काम आती है। माना जाता है कि यदि हर घर में एक तुलसी का पौधा हो तो कई बीमारियों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।

: मान्यता के अनुसार तुलसी की पूजा आराधना से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है और घर में सुख ,शांति ,समृद्धि ,ऐश्वर्य व धन की प्राप्ति होती है।

: तुलसी के पौधे में कई बीमारियों को दूर करने के औषधीय गुण मौजूद हैं। माना जाता है इसी कारण हमारे पूर्वजों व ऋषि मुनियों ने इस पौधे को हरिशयनी एकादशी के दिन घर में लगाने की प्रथा प्रारम्भ की।

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