पंडित सुनील शर्मा के अनुसार श्री गणेश केवल चंद विघ्न ही दूर नहीं करते बल्कि वे तो समस्त प्रकार के विघ्नों का हरण करने वाले हैं। ऐसे में माना जाता है कि विघ्नहर्ता की पूजा से न केवल सभी प्रकार की मानवीय बाधाएं दूर हो जाती हैं, बल्कि इनकी पूजा वास्तु दोष को भी दूर करने का काम करती है।
वास्तु शास्त्र की जानकार रचना मिश्रा के अनुसार कैसा भी वास्तुदोष हो लेकिन यदि एक निश्चित तरीके से गणेशजी की पूजा की जाए तो यह दूर हो जाता है। ऐसे समझें…
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मान्यता के अनुसार वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ब्रह्माजी ने वास्तुशास्त्र के नियमों की रचना की थी। ताकि मानव जाति का कल्याण हो सके। कहा जाता है कि कई बार वास्तुदोष की अनदेखी करना भारी भी पड़ जाता है।
ऐसा होने पद घर के सदस्यों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि भी उठानी पड़ सकती है। लेकिन अगर किसी के घर में वास्तु दोष के चलते तोड़-फोड़ करवाने की नौबत आ जाए, तो उस स्थिति में गणेशजी की पूजा करने से सभी दोष शांत हो जाते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर जीवन में लगातार परेशानियां ही परेशानियां आ रही हों, तो गणेशजी की प्रतिमा या फोटो लगाया जाना चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि यह फोटो या प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर बाहर और अंदर दोनों ही ओर एक ही स्थान पर लगाना है। ताकि इस तरह दोनों ही ओर उनकी पीठ आपस में मिलती रहे। वास्तु शास्त्र कहता है कि ऐसा करने से वास्तु दोषों का अंत हो जाता है। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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: इसके अलावा वास्तु के मुताबिक अगर घर के किसी विशेष भाग में वास्तु दोष हो तो उसे तोड़ने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि उस स्थान पर घी मिश्रित सिंदूर से दीवार पर स्वास्तिक बना दें। ऐसा करने से वास्तु दोष का प्रभाव धीरे-धीरे कम होता जाता है। साथ ही भगवान गणेश के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति और धन में वृद्धि होती है।
: वास्तु के मुताबिक घर और कार्यस्थल के वास्तु दोषों को दूर करने के लिए दक्षिण व नैऋत्य कोण में वक्रतुंड की प्रतिमा या फोटो लगा सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि प्रतिमा या फोटो का मुंह किसी भी स्थिति में दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में न हो। अन्यथा इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है।
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इन बातों का रखे ध्यान…
यूं तो गणेशजी सभी दु:खों और वास्तु दोषों को दूर करते हैं। लेकिन जब कभी भी इनकी प्रतिमा लगाएं तो इनकी मुद्रा का ध्यान जरूर रखें। वास्तुशास्त्र कहता है कि घर के वास्तु दोषों को दूर करने के लिए बैठे हुए गणेशजी और कार्यस्थल पर खड़े गणेशजी का चित्र लगाना चाहिए। लेकिन इसका ख्याल रखें कि खड़े गणेशजी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों। इससे कार्य में स्थिरता आती है और बाधाओं का भी अंत होता है।