धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ को सनातन धर्म में अद्वितीय महत्व प्राप्त है। इसे मोक्षदायिनी मान्यता दी गई है। जहां करोडों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान और पूजा-अर्चना कर अपने पापों से मुक्ति पाने का प्रयास करते हैं। यहां जानिए पुण्यफल प्राप्त करने की विधि
Mahakumbh 2025: शाही स्नान से पहले नागा साधु क्यों करते हैं 17 श्रृंगार, जानिए रोचक रहस्य पुण्य लाभ प्राप्त करने की विधि (method of obtaining virtuous benefits)
संगम स्नान: सबसे पहले श्रद्धालुओं को ब्रह्म मुहूर्त में प्रयागराज के संगम तट पर स्नान करना चाहिए। इसे अमृत स्नान भी कहा जाता है। स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर प्रार्थना करें।
दान और सेवा: स्नान के बाद जरूरतमंदों को दान करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। यहां आप अपनी श्रद्धा के अनुसार भोजन, वस्त्र, और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें। हवन और पूजा: स्नान के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना करें और विशेष हवन में भाग लें। महाकुंभ क्षेत्र में आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होकर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करें। यह आपके जीवन में सकारात्मकता लेकर आएगा।
सत्संग और कथा श्रवण: महाकुंभ के दौरान होने वाले सत्संग और धार्मिक प्रवचन सुनें। संत-महात्माओं से जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने का यह अनोखा अवसर होता है। योग और ध्यान: कुंभ मेले में योग शिविरों में भाग लें। ध्यान और साधना से मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है।
महाकुंभ का महत्व (Importance of Mahakumbh)
महाकुंभ का धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है। मान्यता है कि इस दौरान संगम में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। संगम वह स्थान है जहां गंगा, यमुना, और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से, कुंभ मेला तब आयोजित होता है जब सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति विशिष्ट राशि में होते हैं। Mahila Naga Sadhu: क्या महिला नागा साधु निर्वस्त्र रहती हैं, जानिए क्या है महिला नागा साधुओं के लिए नियम महाकुंभ में स्नान की तिथियां (Dates of bathing in Mahakumbh)
महाकुंभ में पवित्र स्नान की शुरुआत 13 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा तिथि यानि आज से होगी। जिसे शाही स्नान भी कहा जाता है।
दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के पर्व पर किया जाएगा। इसके बाद तीरसा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन होगा। महाकुंभ में 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के त्योहार पर चौथा पवित्र स्नान किया जाएगा।
वहीं 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा के दिन महांकुभ के दौरान संगम में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाएंगे। इसके बाद 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के पर्व पर भक्त त्रिवेणी के संगम में शाही स्नान की डुबकी लगा कर भगवान महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।