1. ऊँ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
2. ऊँ क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्यवितं
3. मनुष्यो मतप्रसादेन भविष्यति न संशयः क्लीं ऊँ
4. ऊँ श्रीं ह्रीं हसौः हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा ये भी पढ़ेंः Magh Navratri 2023: दो शुभ योगों से माघ नवरात्रि की शुरुआत, मां की कृपा के लिए जरूर करें अचूक उपाय
गुप्त नवरात्रि पूजा विधिः गुप्त नवरात्रि में इस तरह पूजा करना चाहिए।
1. सुबह स्नान ध्यान के बाद लाल कपड़ा बिछाकर मां की प्रतिमा की स्थापना करें। इसके बाद मां दुर्गा को चुनरी अर्पित करें।
2. यदि कलश स्थापना कर रहे हैं तो मिट्टी के कसोरे में जौ के बीज बोएं, उसमें प्रतिदिन जल डालें
3. कलश में अक्षत, सिक्का, गंगाजल डालें और शुभ मुहूर्त में उसमें आम्र पल्लव डालकर उस पर श्रीफल रखें।
4. नौ दिनों तक विधि विधान से पूजा करें।
5. अष्टमी या नवमी के दिन देवी मां की पूजा के बाद नौ कन्याओं को पूड़ी, चने का हलवा खिलाकर दक्षिणा देकर विदा करें।
6. आखिरी दिन देवी मां की पूजा के बाद आरती पढ़ें और त्रुटियों के लिए क्षमा मांगकर कलश को नदी, तालाब में विसर्जित कर दें।
गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी ये काम नहीं करना चाहिए
1. गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए, बच्चों के मुंडन संस्कार नहीं कराने चाहिए।
2. नौ दिन तक भोजन में लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. गुप्त नवरात्रि में देर तक नहीं सोना चाहिए, खास तौर से जो व्रत रखा हो।
4. गुप्त नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, चमड़े की चीजों से दूर रहना चाहिए।
5. बैगनी, नीले, गहरे हरे रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
6. गुप्त नवरात्रि में किसी भी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए।
7. मांस मदिरा से दूर रहना चाहिए।
8. बेड या पलंग की जगह कुश की चटाई पर सोना चाहिए।