यदि किसी कारण से प्रातः काल पारण नहीं कर पा रहे हैं तो मध्याह्न के बाद पारण (Ekadashi Paran Time) करना चाहिए। कभी कभी एकादशी दो दिनों का पड़ जाता है। ऐसे समय स्मार्त परिवार के लोगों को पहले दिन व्रत रखना चाहिए। दूसरे दिन यानी दूजी एकादशी को संन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक लोगों को व्रत रखना चाहिए।
इन बातों का भी रखें ध्यान
1. भगवान विष्णु को तुलसी दल प्रिय है। ऐसा कहा जाता है बिना तुलसी के भगवान विष्णु कोई भोग स्वीकार नहीं करते। इसलिए पारण के समय तुलसीदल को आप मुंह में रखकर पारण करें।
2. मान्यता है कि आंवले के पेड़ पर भगवान का वास होता है। इसलिए एकादशी व्रत में आंवला खाकर उनके प्रसाद स्वरूप पारण करना चाहिए। इसके अलावा द्वादशी के दिन यानी पारण के समय चावल खाना चाहिए।
3. पारण के लिए पकाए जा रहे भोजन में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए।
पारण में यह बिल्कुल न करें
1. पारण के समय मूली, बैगन, साग, मसूर दाल, लहसुन, प्याज आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
2. पारण के समय हिंसा, क्रोध आदि से दूर रहना चाहिए।
Shattila Ekadashi 2023 Paran: पंचांग के अनुसार षटतिला एकादशी व्रत 2023 का पारण 19 जनवरी को करना चाहिए। षटतिला एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 19 जनवरी सुबह 7.04 बजे से 9.15 बजे तक है। हालांकि द्वादशी तिथि दोपहर 1.18 बजे संपन्न होगी।