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Diwali Puja : आज अमावस की काली रात के इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें लक्ष्मी पूजन

आज अमावस की काली रात के इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें लक्ष्मी पूजन

Nov 07, 2018 / 10:12 am

Shyam

diwali puja

Diwali Puja : आज अमावस की काली रात के इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें लक्ष्मी पूजन

दीपावली के दिन भले अमावस का काली रात रहती है, लेकिन हिन्दू धर्म में दीपकों की रोशनी से पूरा संसार जगमगाता है । आज ही के दिन जब भगवान श्रीराम लंकापति रावण का वध कर, चौदह वर्ष के वनवास को समाप्त कर अयोध्या वापस लौटे थे, उस दिन कार्तिक मास की अमावस्या की रात थी, और उस रात को अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाकर पूरी अयोध्या को प्रकाशमय करके खुशियां मनाई थी ।

 

तभी से दीपावली पर्व मनाते हुए इस दिन माता लक्ष्मी के पूजन करने की परंपरा भी शुरू हुई । इस पावन दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश, कुबेर पूजन एवं बही-खातों के पूजन भी किये जाने लगे । अगर इस दिन कोई निर्जला या फलाहार व्रत रखता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं ।

पूजन शुभ मुहूर्त

वैसे तो दिवाली का पूरा दिन ही शुभ माना जाता है । फिर भी इस शुभ मुहूर्त में करें माता महालक्ष्मी का विशेष पूजन-

बुधवार 7 नवंबर 2018 दिवाली पर्व लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त
1- स्थिर लग्न – सुबह 7 बजकर 16 मिनट से लेकर 9 बजकर 33 मिनट तक ।
2- चाैघड़िया मुहूर्त – सुबह 10 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक ।
3- चाैघड़िया मुहूर्त – शाम 4 बजकर 20 मिनट से लेकर 5 बजकर 35 मिनट तक ।
4- प्रदोष काल – शाम 5 बजकर 19 मिनट से लेकर 7 बजकर 53 मिनट तक ।
5- स्थिर लग्न – शाम 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 7 बजकर 58 मिनट तक ।
6- चाैघड़िया मुहूर्त- रात 8 बजकर 5 मिनट से लेकर 10 बजकर 15 मिनट तक ।

बुधवार 7 नंवबर को अमावस्या तिथि रात 9 बजकर 22 मिनट तक ही रहेगी।

ऐसे करे पूजन

सबसे पहले मां लक्ष्मी और गणेशजी की प्रतिमा या फोटों को एक चौकी पर लाल कपड़े का आसन बिछाकर स्थापित करें । इस बात का ध्यान रखे कि मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए एवं लक्ष्मीजी की मूर्ति, गणेशजी के दाहिनी ओर ही हो । कलश की स्थापना लक्ष्मीजी के पास सफेद चावलों की ढेरी बनाकर रखें, और गाय के घी का दीपक गणेश जी की तरफ रखे । कलश और दीपक के बीच में नवग्रहों की स्थापना भी करें । एक तांबे या चांदी का छोटी थाल में सिंदूर में घी मिलाकर कर स्वास्तिक एवं ॐ का चिन्ह बनाएं । जब तक पूजा की तैयारी चलती रहे तब तक- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: । इस मंत्र का जप करते रहे ।

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