सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अति विशेष मानी जाती है।सावन शुरू होते ही मंदिर व शिवालयों में बम बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारे लगने शुरु हो गए हैं। साल 2021 के सावन के पहले सोमवार पर जहां देश में कइ जगह रुद्राभिषेक व जलाभिषेक किया जा रहा है। वहीं, कोरोना संकट के चलते कई लोग घरों में ही भगवान शिव की विधि विधान से पूजा कर रहे हैं। अधिकांश मंदिरों में कोरोना गाइड लाइन के तहत ही भगवान शंकर के दर्शन कराए जा रहे हैं।
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दरअसल इस साल सावन का यह महीना 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा। जिसमें कुल 4 सोमवार पड़ेंगे। और सावन के आखिरी दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। दरअसल सावन के सोमवार पर विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ती है कि यहां का माहौल महाशिवरात्रि के समान हो जाता है।
आइये जानते है देश के विभिन्न शिवालयों में सावन के पहले सोमवार पर कैसी रौनक बनी हुई है।
देवभूमि उत्तराखंड:
देवभूमि उत्तराखंड में सावन की शुरुआत सूर्य संक्रांति से मानी जाती है। ऐसे में आज वहां सावन का दूसरा सोमवार है। दरअसल सूर्य के आधार पर कैलेंडर के चलते सावन मास यहां चंद्र तिथि के कैलेंडर से पहले आ जाता है।
ऐसे में आज सावन के दूसरे सोमवार को देवभूमि उत्तराखंड के विभिन्न शिवालयों में भक्त जलाभिषेक के लिए पहुंचे है।
ऐसे में अलमोडा स्थिति जागेश्वर धाम जहां भगवान शिव के चरण निशान भी मौजूद हैं, लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। वहीं देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की दर्शन के लिए लाइन लगी हुई है। इसके अलावा राज्य में मौजूद अन्य शिवालयों में भी भक्त भगवान की पूजा के लिए पहुंच रहे हैं।
हरिद्वार में भी भगवान शिव के ससुराल दक्ष मंदिर में भक्त जलाभिषेक करते देखे जा सकते हैं। साथ ही ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर में भी श्रद्धालु भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं।
मध्यप्रदेश:
भोजपुर- पूरब का सोमनाथ कहलाने वाले इस भोपाल के पास मौजूद मंदिर में सावन के पहले सोमवार को यानि आज सुबह से ही भक्त आने लगे हैं। लेकिन कई जगह सुबह से ही बारिश होने के चलते अभी धीरे धीरे भक्तों की भीड़ बड़ रही है। लोगों का कहना है कि शाम होने तक यहां हजारों की संख्या में भक्त भोलेनाथ की पूजा कर आशीर्वाद लेने आएंगे।
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महाकालेश्वर- उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में सावन 2021 के पहले सोमवार पर यानि आज भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। ऐसे में आज शाम भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। इस दौरान शाम 4 बजे शाही ठाठ के साथ राजाधिराज नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य शहनाई द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी।
लेकिन, इस समय कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सवारी मार्गों पर भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। वहीं इस बार भी सवारी नए छोटे मार्ग से निकाली जाएगी।
राजस्थान:
राजस्थान के प्रतापगढ़ में स्थित गौतमेश्वर शिव मंदिर में भी सावन के पहले सोमवार को यानि आज भक्त भोलेनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचने शुरु हो गए हैं। इस दौरान यहां कुछ भक्त मंदिर प्रांगण में मोक्षदायिनी कुंड में स्नान भी कर रहे हैं।
इसके अलावा कोटा में मौजूद विभिन्न मंदिरों जैसे कंसुवा,शिवपुरी धाम,गडरिया महादेव सहित विभिन्न मंदिरों में सावन के पहले सोमवार को यानि आज सुबह से ही भक्त आने लगे हैं। और इन स्थानों पर अभी पूजा पाठ जारी है।
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माउंटआबू में मौजूद अचलेश्वर महादेव मंदिर में भी लोग भगवान शिव की पूजा कर आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। वहीं उदयपुर स्थित एकलिंगजी मंदिर में भी लोग दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। इसके अलावा राज्य में मौजूद अन्य शिवालयों में भी भक्त भगवान की पूजा के लिए पहुंच रहे हैं।
उत्तर प्रदेश:
बाबा विश्वनाथ- भगवान शिव की नगरी वाराणसी में सावन के सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ गंगा घाट से लेकर बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक लगी हुई है।
झारखंडी शिव मंदिर- गोरखपुर के झारखंडी शिव मंदिर में भी शिव भक्त आज सावन के पहले सोमवार में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यहां कोरोना को देखते हुए विशेष तैयारी की गई है, जिसके तहत कोविड प्रोटोकाल का पालन कराते हुए दर्शन-पूजन कराया जा रहा है।
छत्तीसगढ़:
पहले सावन सोमवार के लिए विभिन्न शिवालयों में छत्तीसगढ़ में रोशनी की गई। यहां कई जगहों पर पुष्प-पत्तियों से शिव द्वार सजाए गए हैं। ऐसे में आज सुबह से ही भक्त मंदिरों में आना शुरु हो गए हैं।
भगवान शिव की पूजा का विशेष दिन सोमवार माना जाता है, इसलिए प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की अधिक भीड़ पहुंच रही है, इसलिए बारी-बारी से दर्शन-पूजन कराया जा रहा है। कोरोना के कारण इस साल कांवर यात्रा जत्थों पर रोक है।