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छठ पूजा के दिन इस काम को करने वाला जीवन भर नहीं होता बीमार, जानिए वैज्ञानिक कारण

छठ पूजा के दिन इस काम को करने वाला जीवन भर नहीं होता बीमार, जानिए वैज्ञानिक कारण

Nov 09, 2018 / 12:31 pm

Shyam

chhath puja

छठ पूजा के दिन इस काम को करने वाला जीवन भर नहीं होता बीमार, जानिए वैज्ञानिक कारण

छठ पर्व 11 नवंबर 2018 से शुरू हो जायेगा जो 15 नवंबर 2018 तक चलेगा । इस व्रत में मुख्य रूप से भगवान सूर्य देवता की अराधना होती है और छठी मइया की महिमा का बखान होता है, हालांकि पारंपरिक तौर पर छठी मइया की कोई प्रतिमा नहीं होती । जाने छठ महापर्व और व्रत की महिमा और फल ।


महापर्व छठ महापर्व छठ

पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के साथ महापर्व छठ आरंभ हो जाता है । इस बार पहला अर्घ्य 11 नवंबर को संध्या काल में दिया जाएगा और अंतिम 14 नवंबर को अरुणोदय काल में । व्रत करने वाले पहले दिन की पूजा के बाद से नमक का त्याग कर देते है । छठ पूजा के दूसरा दिन खरना के रूप में मनाया जाता है, इस दिन भूखे-प्यासे रहकर व्रत करने वाली महिलाएं खीर का प्रसाद तैयार करती है ।

 

खीर को गन्ने के रस से बनाया जाता हैं, इसमें नमक या चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता । शाम के वक्त इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद फिर निर्जल व्रत कि शुरुआत होती है । छठ के तीसरे दिन शाम के वक्त डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, एवं विशेष प्रकार का पकवान ‘ठेकुवा’ और मौसमी फल चढ़ाए जाते हैं, और सूर्य को अर्घ्य दूध और जल से दिया जाता है । छठ के चौथे और अंतिम दिन उगते सूर्य की पूजा की जाती है, सूर्य को इस दिन अंतिम अर्घ्य दिया जाता है, इसके बाद कच्चे दूध और प्रसाद को खाकर व्रत को तोड़ा जाता हैं ।

 

ऐसा करने से व्यक्ति कभी नहीं होता बीमार

वैसे भी प्राचीन परंपरा के अनुसार कार्तिक मास में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है, और शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को इस पूजा का विशेष विधान है । कार्तिक मास में सूर्य नीच राशि में होता है अतः सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है, जो भी छठ पूजा करता हैं व सूर्य को अर्घ्य देता हैं वह साल भर ही नहीं बल्की जीवन भर स्वास्थ्य की समस्यायों से दूर रहता है । षष्ठी तिथि का सम्बन्ध संतान की आयु से होता है अतः सूर्य देव और षष्ठी की पूजा से संतान प्राप्ति और और उसकी आयु रक्षा दोनों हो जाते है । इस माह में सूर्य को नियमित अर्घ्य देने व सूर्य उपासना से वैज्ञानिक रूप से व्यक्ति अपनी ऊर्जा और स्वास्थ्य का बेहतर स्तर बनाये रख सकते हैं । वैज्ञानिक भी मानते हैं कार्तिक माह में सूर्य से कुछ ऐसी लाभकारी किरणें निकलती हैं जो मनुष्य ही नहीं अन्य जीवों के लिए भी स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होती है ।

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