ऐसे में चैत्र मास में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, ये पूर्णिमा हिन्दू नव वर्ष की पहली purnima होती है। चैत्र पूर्णिमा के ठीक अगले दिन से वैशाख महीना की शुरुवात हो जाती है।
ऐसे में इस बार Chaitra Purnima 2021– मंगलवार के दिन 27 अप्रैल को है। इस दिन चन्द्रमा के अलावा भगवन विष्णु की puja किये जाने के साथ ही भगवान सत्यनारायण की कथा सुनना काफी महत्वपूर्ण माना गया है।
हर पूर्णिमा में भी अन्य पूर्णिमा की तरह ही पवित्र नदी या कुंड में स्नान का विशेष महत्व माना गया है, ऐसे में चैत्र पूर्णिमा के संबंध में यह भी मान्यता है कि इस दिन पानी में तुलसी को डाल कर स्नान करने से खास पुण्य मिलता है।
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चैत्र पूर्णिमा के संबंध में मान्यता है कि इस दिन विधि- विधान से पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन सत्यनारायण ( Satya Narayan katha ) का पाठ कराने से घर में सुख- समृद्धि और यश आने के साथ ही भगवान विष्णु प्रसन्न भी होते हैं।पूर्णिमा तिथि शुरू – 26 अप्रैल 2021, सोमवार, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 अप्रैल, 2021, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक
चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि Chaitra Purnima Puja Vidhi
चैत्र मास की पूर्णिमासी तिथि यानि Chaitra Purnima के दिन सुबह-सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना विशेष फलदायी मन गया है। वहीं जानकारों के अनुसार इसके ठीक बाद सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। अर्घ्य के बाद भगवान की प्रतिमा के सामने जाकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
फिर भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा अर्चना करते हुए उन्हें नैवेद्य चढ़ाएं, वही इस दिन हनुमान जी का भी जन्मोत्सव होने के चलते इसके बाद हनुमान जी की भी पूजा करें और भोग लगाने के बाद उनकी आरती करें।