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भद्रा के साये में इस डेट पर होगा पूर्णिमा श्राद्ध, अगले दिन से शुरू होगा पितृपक्ष

Bhadra on Purnima Shradh: हर महीने की पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, सूर्य नारायण और चंद्रमा की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व है। लेकिन भादों पूर्णिमा का विशेष महत्व है, पितृ पक्ष से पहले पड़ने वाली भाद्रपद पूर्णिमा यानी श्राद्धि पूर्णिमा पर लोग पितरों का श्राद्ध करते हैं। लेकिन इस साल भद्रा के साये में श्राद्धि पूर्णिमा है। आइये जानते है पूर्णिमा श्राद्ध का डेट और समय…

जयपुरSep 13, 2024 / 02:23 pm

Pravin Pandey

Bhadra on Purnima Shradh

श्राद्धि पूर्णिमा पर भद्रा का साया

श्राद्धि पूर्णिमा

भाद्रपद पूर्णिमा को श्राद्धि पूर्णिमा और प्रोष्ठपदी पूर्णिमा भी कहते हैं। यह पितृ पक्ष शुरू होने से एक दिन पहले पड़ता है, इस दिन भी श्राद्ध का विधान है। हालांकि यह पितृ पक्ष का भाग नहीं है। पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वालों के लिए महालय श्राद्ध भी अमावस्या श्राद्ध तिथि पर किए जाते हैं।
सामान्यतः पितृ पक्ष, भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से शुरू होता है। इस दिन भी श्राद्ध कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त में करने चाहिए, अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध सम्बन्धी अनुष्ठान सम्पन्न कर लेने चाहिए और श्राद्ध के अंत में तर्पण करना चाहिए।

कब होगा पूर्णिमा श्राद्ध

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि प्रारंभः मंगलवार 17 सितंबर 2024 को सुबह 11:44 बजे से
भाद्रपद पूर्णिमा तिथि समाप्तः बुधवार 18 सितंबर 2024 को सुबह 08:04 बजे तक

पूर्णिमा श्राद्धः मंगलवार 17 सितंबर 2024 को
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shradhi purnima
श्राद्धि पूर्णिमा

कुतुप मूहूर्तः 17 सितंबर को सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक
अवधि – 00 घण्टे 49 मिनट्स
रौहिण मूहूर्तः दोपहर 12:40 बजे से दोपहर 01:29 बजे तक
अवधि – 00 घण्टे 49 मिनट्स
अपराह्न कालः दोपहर 01:29 बजे से दोपहर 03:56 बजे तक
अवधि – 02 घण्टे 27 मिनट्स
भद्रावासः सुबह 11:44 बजे से रात 09:55 बजे तक (भद्रा जब पृथ्वी पर वास करती है तो यह अशुभ माना जाता है, पृथ्वी के प्राणियों को कष्ट पहुंचाती है)

रवि योगः सुबह 06:07 बजे से दोपहर 01:53 बजे तक

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