इस दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से सर्वे में शामिल हुए अब्दुल समद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि समाज का कार्यकर्ता होने के जरिये सर्वे में आया हूं। माननीय उच्च न्यायालय का हम अदब करते हैं। संविधान के दायरे में आकर उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिए, हम उसका पालन करेंगे।। अगर सर्वे हो तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जो नए मुद्दे पैदा किए जा रहे हैं। कुछ स्तंभ बाद में लाकर रखे गए हैं। 2004 में वह स्तंभ रखे गए हैं। हमने उसकी आपत्ति भी ली है और आवेदन भी दिया है। तमाम जनप्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया और आज इसको सर्वे में शामिल भी किया जा रहा है। यह एक प्रश्न चिन्ह है, एक मूर्ति भी रखी गई, यह सब के संज्ञान में है। हम नए सर्वे का विरोध कर रहे हैं।
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ASI की टीम ने धार भोजशाला में शुक्रवार से सर्वे की शुरुआत की है। भोजशाला परिसर के बाहर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई। ASI का करीब 15 सदस्यों का दल भोजशाला की वैज्ञानिक जांच करने के लिए पहुंचा है। भोजशाला परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। करीब 100 पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। त्रिस्तरीय सुरक्षा लगाई गई है। शहर में भी चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है।
बता दें कि 11 मार्च को इंदौर हाईकोर्ट ने संस्था हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की याचिका पर सुनवाई के बाद भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वे करने के आदेश जारी किए थे। अलग-अलग बिंदुओं पर यह सर्वे होना है। इसके लिए एएसआई के अपर महानिदेशक ने आदेश जारी किया है।
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– भोजशाला के पूरे परिसर का सर्वे और उत्खनन वैज्ञानिक पद्धति से होगा।
– उत्खनन और सर्वे GPS GPR तकनीक के साथ कार्बन डेटिंग व अन्य नई तकनीक से करने का आदेश।
– भोजशाला परिसर की बाउंड्रीवाल से 50 मीटर की दूरी तक सर्वे किया जाएगा।
– ASI के वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी की निगरानी में सर्वे होगा।
– उत्खनन और सर्वे की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
– परिसर के सभी बंद पड़े कमरों, खुले परिसर और सभी खम्बों का विस्तार से सर्वे होगा।
– उत्खनन सर्वे की रिपोर्ट 2 महीने में प्रस्तुत करने के आदेश।