झारखंड: कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी, हर घर में एक नौकरी देने के साथ किए कईं वादे
इस वजह से खुद भी भरा पर्चा…
इधर विधायक संजीव सिंह ने भी अदालत से अनुमति मिलने के बाद जेल से बाहर आकर निर्वाची कार्यालय के समक्ष निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया। बताया गया है कि संजीव सिंह ने एहतियात के तौर पर पर्चा दाखिल किया है, ताकि यदि किसी कारण से उनकी पत्नी रागिनी का नामांकन रद्द हो जाता है, तो भाजपा के समर्थन से चुनाव मैदान में रह सके। इसके अलावा संजीव सिंह की मां कुंती सिंह के भी नामांकन किए जाने की चर्चा है, ताकि किसी भी हाल में चुनाव में दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह को टक्कर दी जा सके। पत्नी रागिनी सिंह के विरूद्ध निर्दलीय नामांकन पर संजीव सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में बस इतना ही कहा कि वे भाजपा के सच्चे सिपाही है। भाजपा ने उनकी पत्नी पर भरोसा जताया है और रागिनी सिंह की जीत को लेकर कोई संशय नहीं है वो निश्चित ही विजय होंगी।
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आरोपों को बताया बेबुनियाद…
नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी संजीव सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि नीरज सिंह के रहते उनकी राजनीतिक शक्ति बढ़ रही थी, ऐसे में उनकी हत्या से उन्हें क्या फायदा हो सकता है, उनपर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद है।