उल्लेखनीय है कि इस साल बरसात के सीजन में झमाझम बारिश हुई। धमतरी जिले के अलावा कांकेर और कोंडागांव तक अच्छी बारिश हुई, जिसके चलते कैचमेंट एरिया का पानी अंचल के चारों बांधों में संग्रहित हुआ।
यही कारण है कि जिले के चारों बांध लबालब हो गए थे। गंगरेल बांध तो छलकने लगा था। बांध सूत्रों के मुताबिक बारिश के सीजन में गंगरेल बांध में इस साल करीब 60 टीएमसी से ज्यादा पानी की आवक हुई, जिसमे से 47 टीएमसी से ज्यादा पानी महानदी में बहा दिया गया।
32 टीएमसी क्षमता वाले इस बांध में आज की स्थिति में क्षमता से आधा पानी अर्थात 15 टीएमसी (50 फीसदी) उपयोगी पानी ही शेष बचा है। जिले में इस साल खरीफ सीजन में करीब 1 लाख 38 हजार 5 सौ हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई है। इसके अलावा करीब 10 हजार हेक्टेयर में मक्का व अन्य फसलें लगी है। बांध में इस साल लबालब पानी भरे होने के कारण लगातार सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है।
10 अक्टूबर की स्थिति में खरीफ सिंचाई के लिए महानदी मुख्य केनाल में करीब 22.379 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। निस्तारी व अन्य जरूरतों के लिए 20 टीएमसी पानी दिया गया, इस तरह गंगरेल से 42.617 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है।
अन्य बांधों की स्थिति
इसके अलावा अंचल के अन्य बांधों में भी पानी छोड़े जाने के कारण लगातार इसमें कमी आ रही है। बांध सूत्रों के मुताबिक पानी के मामले में मुरूमसिल्ली बांध में ही 97 फीसदी पानी है। 5.839 टीएमसी क्षमता वाले इस बांध में 5.578 टीएमसी पानी है। 10.192 टीएमसी क्षमता वाले दुधावा बांध में 8.794 टीएमसी पानी है। इसी 6.995 टीएमसी क्षमता वाले सोंढूर बांध में 5.646 टीएमसी उपयोगी पानी है।
इस साल बारिश एक नजर में
तहसील बारिश
धमतरी 1083.1 मिमी
कुरूद 1398.3 मिमी
मगरलोड 1287.3 मिमी
नगरी 1224.7 मिमी
योग 4993.4 मिमी
औसत वर्षा 1248.4 मिमी
रबी में भी देंगे सिंचाई पानी
उल्लेखनीय है कि किसानों की मांग पर इस साल राज्य सरकार ने रबी सीजन में भी पानी देने की घोषणा की है। रबी सीजन में खरीफ की तरह ही करीब 1 लाख 40 हजार हेक्टेयर में फसल ली जाएगी। मद़देनजर बांध की सेहत को देखते हुए अब यहां मुरूमसिल्ली तथा दुधावा बांध का पानी यहां लाया जाएगा।