पिछले दो दिनों से मौसम के मिजाज में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में १८ अगस्त की देर शाम मौसम ने अचानक अंगड़ाई ली और देर शाम ६.३० बजे बूंदाबांदी के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई।
डे्रेनेज सिस्टम की खुली पोल
करीब दो घंटे तक हुई झमाझम बारिश ने डे्रनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दिया है। सूत्रों की मानें तो बारिश के पानी के अलावा घरों से निकलने वाले दूषित पानी को शहर से बाहर निकालने के लिए सभी ४० वार्डों में नाली का निर्माण किया गया है, जिसकी कुल लंबाई करीब ३ सौ किमी मीटर है। इस साल नालों की सही ढंग से सफाई नहीं होने से बारिश होने पर वार्डों में पानी भर रहा है। अव्यवस्था को लेकर नागरिकों में रोष पनपने लगा है।
रिसगांव नदी में फिर आया उफान
इसी तरह वनांचल में भी अच्छी बारिश हुई। इससे कुछ देर के लिए रिसगांव नदी उफान में आ गया। हालांकि बारिश जल्दी थमने से नदी का पानी भी जल्दी कम हो गया। गौरतलब है कि यहां रिसगांव नदी में बाढ़ आने से रिसगांव के साथ ही गादुलबाहरा, आमबाहर, ठोठाझरिया, जोगीबिरदो आदि गांवों में आवागमन प्रभावित रहा।
गंगरेल बांध में बढ़ी आवक
कैचमेंट एरिया में हुई अच्छी बारिश से गंगरेल बांध में आवक भी बढ़ गई है। सुबह 6 बजे की स्थिति में बांध में 12 हजार 151 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी, जो सुबह 8 बजे बढ़कर 13 हजार 611 क्यूसेक हो गई। दोपहर 3 बजे आवक में पुन: कमी हो गई और 11 हजार 190 क्यूसेक पानी बांध में प्रति सेकंड आ रहा था। बांध में 25.017 टीएमसी पानी संग्रहित है, जो कुल जलभराव क्षमता का 77.98 फीसदी है।
जिले में बारिश एक नजर में
भू-अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में दो घंटे में ६३.६ मिमी रिकार्ड बारिश हुई। इसमें सर्वाधिक भखारा में १३९.२ मिमी बारिश हुई है। जबकि सबसे कम मगरलोड में ९.४ मिमी बारिश दर्ज किया गया है। इसी तरह धमतरी में ११२.७, कुरुद में ४०.४ मिमी, नगरी में ४५.६ मिमी, कुकरेल में ६७ मिमी और बेलरगांव में ३०.६ मिमी बारिश दर्ज किया गया है।