सोमवार को कलेक्ट्रेट से मिलने के लिए पहुंचे गंगरेल पर्यटन क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष ऋषभ देवांगन, आनंद स्वरूप, हेमंत चन्द्राकर ने कहा कि गंगरेल मां अंगारमोती देवी का पवित्र धाम हैं। ऐसे पवित्र धाम में शासन-प्रशासन बियर बार खोलकर क्या प्रदर्शन करना चाहता है, यह (Dhamtari News) समझ से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि यदि यहां बियर बार खुलता हैं तो श्रद्धालुओं के साथ ही ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए जनहित में भूपेश सरकार को अपना यह निर्णय वापस लेना चाहिए।
पूर्व सरपंच महेश सविता, मन्नुलाल सिन्हा, उपसरपंच संतोष नेताम ने कहा कि गंगरेल स्थित मोटल और माता का मंदिर की दूरी पास-पास है। नियमानुसार बार सिर्फ निगम क्षेत्र जहां की आबादी अधिक हो, वहीं खोला जा सकता है तथा वर्तमान सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी का उल्लेख है। इसके बावजूद जनभावनाओं को उद्धेलित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि गंगरेल स्थित बरदिया लेक व्यू मोटल में बार खोला गया, तो ग्रामवासी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उनकी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।