वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट को मिलाकर कुल 1 लाख 45 हजार 8 क्विंटल कंपोस्ट खाद बनाया गया है। इसमें से 1 लाख 22 हजार 562 क्विंटल खाद का विक्रय हुआ। इसी तरह सुपर कंपोस्ट 4784.20 क्विंटल उत्पादन हुआ। 3531 क्विंटल का विक्रय भी किया गया है। सितंबर-2023 से गौठानों में गोबर खरीदी बंद होने के साथ ही कई गौठानों में खाद का स्टाक शेष है। अब गौठानों में ग्रामीण कंडे बनाकर सूखा रहे हैं।
गोबर खरीदी शुरू होने से शहरी क्षेत्र में लोगों को काफी राहत मिली थी। यहां 110 डेयरियां हैं। मवेशियों की संख्या करीब 12 सौ है। डेयरियों से निकलने वाले गोबर को डेयरी संचालक बेच रहे थे। इससे नाली के साथ ही वार्डों में गंदगी भी कम होती थी। अब गोबर को नालियों में बहाया जा रहा। लालबगीचा, नयापारा, मराठापारा, ब्राह्मण पारा समेत करीब दर्जन वार्डों की नालियां गोबर से जाम है।
ग्राम खपरी, अर्जुनी, मुजगहन, पोटियाडीह में आज भी पंजीकृत किसान गोबर खरीदी शुरू होने की आस में गोबर एकत्रित कर रहे हैं। किसान अर्जुन साहू, खेमेन्द्र गंगबेर, नरोत्तम नेताम ने बताया कि गोधन न्याय योजना किसानों के लिए आय का अच्छा स्त्रोत था। किसानों से 10 रूपए प्रतिकिलो में गोबर की खरीदी की जा रही थी।
मोनेश साहू, उप संचालक कृषि विभाग